- 8 माह से बंद पड़े दून के बारात घरों को अब खुलने का इंतजार

- पहले ही हो चुकी हैं कई वेडिंग केंसिल, सरकार से वेडिंग इंड्रस्टी को ओर रियायत देने की कर रहे मांग

देहरादून,

8 माह से बंद पड़े दून के बारात घरों को अनलॉक 5 में खोलने का इंतजार तो है, लेकिन आने वाले 3 महीनों में रोजगार को लेकर ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं। इसका कारण सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन है। बारात घर संचालकों का कहना है कि सरकार अब भी शादियों में परमिशन की बात कर रही है, जिससे कई लोगों ने इस साल शादियों की बुकिंग कैंसिल कर दी है। जिन लोगों ने इस साल शादी प्लान की थी, वे लोग बिना रिश्तेदार और करीबियों के शादी न करने का फैसला ले रहे हैं।

150 से ज्यादा बारात घर, 500 वेडिंग प्वाइंट

दून में 150 से ज्यादा बारात घर हैं, जबकि होटल वालों को जोड़कर 500 वेडिंग प्वाइंट हैं। जो लोग वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़े थे वे लोग अब खेती बाड़ी और मजदूरी करने को मजबूर हैं। दून में कोरोनाकाल के दौरान कई वेडिंग प्वाइंट बंद हो गए हैं, जबकि रेंट पर चलने वाले कई वेडिंग प्वाइंट बंदी के कगार पर बारात घर की एक बार की बुकिंग का बजट भी 50 परसेंट तक कम हो गया है। जिसका असर दूसरे लोगों पर भी पड़ रहा है। वेडिंग इंडस्ट्री से एक ही शादी में 500 से ज्यादा लोगों का रोजगार जुड़ा होता है। पहले से ही नुकसान झेल रहे वेडिंग प्वाइंट ओनर बुकिंग को हाफ रेट पर ले आए हैं।

परमिशन की ना हो जरूरत

जोगीवाला स्थित नाइन पार्म के पार्टनर समीर सिंकद का कहना है कि सरकार वेडिंग, इवेंट इंडस्ट्री को लेकर गंभीर नहीं है। जिससे लॉन्ग टर्म नुकसान होना तय है। पटेलनगर में ब्लेसिंग फॉर्म के ओनर श्रवण वर्मा बताते हैं कि औसतन अक्टूबर से दिसंबर तक उनके यहां 40 तक शादियां होती थी, जो इस बार 7 ही रह गई है। एक शादी में करीब 100 स्टाफ को रोजगार मिलता है लेकिन अब शादी में फिक्स लोगों के आने के रूल से स्टाफ को भी 30 परसेंट तक ही रखना पड़ रहा है। श्रवण वर्मा ने बताया कि 8 माह में वेडिंग प्वाइंट को एवरेज 50 लाख से 2 करोड़ का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि अब जो महीने बचे हैं उससे उन्हें कोई प्रोफिट नहीं होगा बस जो लोगों से कुछ एडवांस लिया था वो वापस नहीं करना पड़ रहा है, उन्होंने बताया कि इस बार उनकी 37 बुकिंग कैंसिल हुई है। श्रवण वर्मा का कहना है कि सरकार को अगर वेडिंग इंडस्ट्री को राहत देनी है तो परमिशन को लेकर दी गई गाइडलाइन को बदलना चाहिए।

------------------------

वेडिंग का सीजन पूरे साल में 7 महीने का होता है। आने वाले 3 माह में 3 वेडिंग की ही बुकिंग मिली है। लोगों ने कई वेडिंग कैंसिल कर दी है। वेडिंग इंडस्ट्री को इससे लॉन्ग टर्म नुकसान हो रहा है। सरकार

वेडिंग, इवेंट इंडस्ट्री को लेकर गंभीर नहीं है।

समीर सिंकद, पार्टनर, नाइन पार्म

---------------------

एक वेडिंग से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिल जाता है। लेकिन अब 30 परसेंट स्टाफ से ही काम चलाना पड़ रहा है। कई लोग बेरोजगार हो गए हैं। वेडिंग प्वाइंट संचालकों को भी बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है। यह साल पूरा लॉस में जा रहा है।

श्रवण वर्मा, ब्लेसिंग फॉर्म

Posted By: Inextlive