राज्य गठन के बाद यह पहला मौका होगा जब उत्तराखंड पुलिस की महिला एटीएस एंटी टेररिज्म स्क्वॉयड विंग तैयार हो रही है। बकायदा यह महिला एटीएस विंग कई प्रकार की अपने स्पेशल ट्रेनिंग से लैस हो चुकी है। अब एनएसजी ट्रेनिंग होनी बाकी है। जिसके लिए एनएसजी दिल्ली से समय लिया जा रहा है। साफ है कि इसके बाद उत्तराखंड पुलिस की एटीएस विंग हर चुनौती से पार पाने के लिए तैयार रहेगी।

देहरादून ब्यूरो। लंबे समय के बाद ही सही, लेकिन उत्तराखंड पुलिस की एटीएस महिला विंग अस्तित्व में आने को तैयार है। इसमें 21 गल्र्स शामिल हैं। जिसमें से 2 एसआई व 19 कांस्टेबल लेवल के जवान शामिल हैं। बताया गया है कि एटीएस विंग में शामिल पुलिस के जवानों ने प्री कोर्स के साथ कमांडो कोर्स पूरा करने के साथ ही लगातार दो हफ्तों तक मास्टर ट्रेनर शिफूजी से टफ ट्रेनिंग पूरी की है। यह ट्रेनिंग यूएसी व टेक्निकल मूवमेंट के लिए बेहद खास मानी जाती है। इसके अलावा इस स्पेशल महिला कमांडो विंग ने नरेंद्रनगर पीटीसी (पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज) व एटीसी (आम्र्ड ट्रेनिंग सेंटर) से भी अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है।

कमांडो बनने से पहले जरूरी
एटीएस में शामिल होने से पहले महिला जवानों को खास टेस्ट से गुजरना पड़ता है। जिनका वॉलिंटियर होना जरूरी होता है। इसके अलावा फिजिकली और मेंटली फिट होना अनिवार्य होता है। वहीं, उन पर किसी भी प्रकार की जांच न हो। इसके अलावा फाइनली उनके ऊपर एक कमेटी के जरिए ट्रायल किया जाता है।

मिलेगा महिला कमांडो का फायदा
बताया गया है कि महिला कमांडो के इन महिला जांबाजों का लाभ सबसे ज्यादा वीआईपी मूवमेंट के दौरान मिलेगा। खासकर एसपीजी सुरक्षा से लैस वीआईपी को मिल सकेगा। इसके अलावा कुंभ मेले, शाही स्नान, कॉन्फिडिशियल इनफॉर्मेशन में सुरक्षा को देखते हुए ये कमांडो बेहद सहयोगी साबित होते हैं। बताया गया है कि पुरुष एटीएस विंग का उपयोग अब तक भीड़-भाड़ वाले इलाकों, आईएमए पासिंग आउट परेड, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट व अन्य गेम्स, गोलाबारी, एसपीजी सुरक्षा से लैस वीआईपी के लिए किया गया है। वहीं, ये महिला कमांडो विंग आंतकवादी हॉस्टेज जैसी परिस्थितियों या दुस्साहस की घटना से निपटने के लिए हो पाएगा।

2010 से हुई थी शुरुआत
राज्य गठन के बाद पहली बार उत्तराखंड में वर्ष 2010 में उत्तराखंड में एटीएस विंग अस्तित्व में आया। वर्तमान में इसमें 130 जवान कार्यरत हैं। ये जवान कमांडो की ट्रेनिंग के साथ हर तरह की ट्रेनिंग से लैस होकर हर सामने के लिए तैयार हैं। पुलिस मुख्यालय की ओर से इनकी संख्या 250 तक करने पर लगातार मंथन चल रहा है। बताया जा रहा है कि नई पुलिस की भर्ती के बाद यह संख्या 250 तक पहुंच जाएगी।

फैक्ट फाइल
-कुल एटीएस की टीमों की संख्या--8
-इनमें 6 मेल और 2 फिमेल की टीमें शामिल।
-2 रुद्रपुर, 3 हरिद्वार व 3 देहरादून में मुस्तैद।
-वर्तमान में हर महिला टीम में 12-12 कमांडो शामिल।
-महिला विंग के लिए पुरुष विंग जैसे मानक।
-किसी भी ऑपरेशन में पुरुष विंग से मिलकर देते हैं कार्रवाई को अंजाम।

एटीएस का ये हैं ढांचा
स्टेट में एटीएस विंग का ढांचा तैयार किया गया है। जिसमें डीजीपी मुखिया हैं। एटीएस का मुख्यालय इंटेलीजेंस हेड क्वार्टर से अटैच किया गया। जिसके एचओडी एडीजी व फिर आईजी लेवल के आईपीएस अधिकारी रहते हैं। इसके अलावा इसमें एसपी ऑपरेशन व इंस्पेक्टर एटीएस के साथ ही कमांडो शामिल रहते हैं।

Posted By: Inextlive