मेक्सिको में हो रही जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में ब्राजील के वित्त मंत्री ने यूरोपीय देशों को पेशकश की है.


उन्होंने कहा है कि भारत और ब्राजील जैसे विकासशील देश यूरोपीय देशों को ऋण संकट से निपटने के लिए और पैसे दे सकते हैं लेकिन बदले में विकासशील देशों को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में उन्हें ज्यादा अधिकार देने होंगे.ब्राजील ने विकासशील देशों की ओर से दो शर्ते रखी हैं-पहला ये कि खुद यूरोपीय देशों को इस संकट से निपटने के लिए और धनराशि देनी होगी. और दूसरा ये कि आईएमएफ़ में सुधार लागू होने चाहिए.बीबीसी संवाददाता के मुताबिक जी-20 बैठक में ये धारणा बनी हुई है कि यूरोप की मदद करने का दारोमदार बाकी देशों पर नहीं है बल्कि यूरोपीय देशों को स्वयं और कदम उठाने होंगे.नहीं लागू हुए आईएमएफ में सुधारजहाँ तक आईएमएफ़ में सुधारों की बात है तो इससे विकासशील देशों को संगठन में और अधिकार मिल सकेंगे.


2008 में भारत, रूस और चीन ने आईएमएफ़ के आपदा कोष में अपना योगदान बढ़ा दिया था और उनसे वादा किया गया था कि उन्हें ज्यादा अधिकार मिलेंगे.लेकिन अब तक ये सुधार लागू नहीं किए गए हैं. बीबीसी संवाददाता का कहना है कि यूरोपीय देश इस बात के इच्छुक नहीं दिखते कि आईएमएफ के बोर्ड में अपने पद छोड़ें.

मेक्सिको सिटी में वित्त मंत्रियों हो रहे सम्मेलन के बाद जून में जी-20 देशों के राष्ट्र अध्यक्षों की बैठक होगी.

Posted By: Garima Shukla