- गोकशी का किया था विरोध, तीन दिन पूर्व हुआ था विवाद

- युवक को मिली थी धमकी, हत्या के बाद विहिप में आक्रोश

आगरा। थाना मंटोला के मीरा हुसैनी चौराहे पर विहिप नेता की गोली मार कर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद संगठन के सदस्यों में गुस्सा फूट पड़ा। नेता की हत्या पर गुस्साए लोगों ने बवाल कर दिया। सिटी की लाइफ लाइन पर जाम लगा दिया। पुलिस ने लाठी चलाई तो एसओ को सड़क पर पीट दिया। किसी तरह स्थिति नियंत्रण करने में लगी पुलिस के पसीने छूट रहे थे। बेकाबू हालात पर काबू पाने के लिए जिले के फोर्स के अलावा बाहरी जिले का फोर्स भी बुलवाया गया। घटना की वजह गोकशी का विरोध करना बताया जा रहा है।

मंदिर से लौटने के दौरान मारी गोली

थाना मंटोला के नाला महावीर निवासी 45 वर्षीय अरुण माहौर उर्फ बबली पुत्र रमेश चंद वर्तमान में बोदला सेक्टर-3 में अपने परिवार के साथ रहते थे। उनकी मीरा हुसैनी चौराहे पर गणेशी लाल फर्नीचर के नाम से दुकान है। वह विश्व हिंदू परिषद के महानगर उपाध्यक्ष थे। अरुण रोज सुबह दस बजे दुकान खोलने के बाद दुकान से चार सौ मीटर दूर बने शिव मंदिर पर माथा टेकने जरुर जाते थे। गुरुवार को भी वह सुबह दुकान पहुंचे और दुकान खोली। इसके बाद मंदिर गए, लेकिन लौट कर दुकान नहीं आए।

गोली मार कर की हत्या

लौटने के दौरान टीले के पास किसी ने उन्हें गोली मार दी। गोली सिर में पीछे की तरफ लगी। वह सड़क पर गिर गए। आसपास के लोगों ने देखा तो पता चला। पुलिस व परिजनों को सूचना की गई। पुलिस उन्हें एसएन लाई यहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। विहिप कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के अलावा अन्य हिंदूवादी संगठन के लोगों की भीड़ एसएन इमरजेंसी पहुंच गई।

हत्या को लेकर हुआ बवाल

भीड़ ने विहिप नेता की हत्या को लेकर बवाल कर दिया। एमजी रोड पर जाम लगा दिया। हालात पर काबू पाने के लिए जिले का फोर्स पहले से ही मौके पर मौजूद था। एमजी रोड पर वाहनों को रोक दिया गया। एक तंबू से बांस बल्ली खींच कर कारों आदि वाहनों को तोड़ दिया। मौके पर स्थिति बिगड़ गई। वाहनों में बैठे लोग दहशत में आ गए। बवालियों के पीछे पुलिस भी पहुंच गई। उस दौरान पुलिस ने लाठी चला दी। घटना की वजह गोकशी का विरोध करना निकलकर सामने आई है।

एसओ के साथ की हाथापाई

उस दौरान एसओ एत्मादउद्दौला शत्रुंजय कुमार मौके पर स्थिति संभालने में जुटे थे। बवालियों ने उन्हें घेर लिया। उनके साथ हाथापाई की गई। एसओ ने अपने बचाव के लिए पिस्टल निकाल ली। फिर भी हंगामा कर रहे लोगों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। वह हंगामा करते रहे। जनपद के सभी थानों के अलावा मथुरा से पुलिस फोर्स मंगाया गया और हालातों को काबू में किया।

अखलाक की तरह मिले मुआवजा

बवाल मचा रहे विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं की मांग थी कि अरूण के परिवार को दादरी कांड के मृतक अखलाक की तरह मुआवजा मिले। शासन-प्रशासन से डिमांड उठाई गई कि परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जाए। 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद की जाए और परिजनों को फ्लैट दिए जाएं।

Posted By: Inextlive