कासगंज में भड़की सांप्रदायिक हिंसा किसी सुनियोजित साजिश का परिणाम नहीं थी। खुफिया रिपोर्ट में सामने आया है कि पुलिस की गैरमौजूदगी के बावजूद उस पैमाने में हिंसा नहीं हुई जितना आमतौर पर इस तरह के माहौल में भड़क जाती है। तिरंगा यात्रा निकालने के दौरान हुई मामूली झड़प के करीब एक घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो हालात ज्यादा खराब नहीं थे। गणतंत्र दिवस के अवसर पर दोनों ही पक्षों ने शुरुआती दौर में खासी सूझ-बूझ दिखाई थी लेकिन बाद में कुछ अराजकतत्वों ने कासगंज को सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोंक दिया। राज्य सरकार ने दोषियों पर गाज गिरानी शुरू कर दी है।


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सूबे में भाजपा सरकार बनने के बाद सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा के बाद कासगंज की सांप्रदायिक हिंसा ने सरकार को सकते में भले ही डाल दिया हो, लेकिन डीजीपी मुख्यालय को इस बाबत मिली खुफिया रिपोर्ट में जिक्र है कि कुछ लोगों ने इस टकराव को टालने की कवायद भी की थी। विवाद के बाद विपक्ष के एक नेता के घर पर पंचायत भी हुई थी। पूर्ववर्ती सरकारों में इस नेता का प्रशासन पर खासा दबाव रहता था लिहाजा लोग अपनी बात कहने वहां गये थे। इस बीच दोबारा हिंसा भड़क गयी और छत से चली एक गोली अभिषेक गुप्ता उर्फ चंदन की मौत की वजह बन गयी। इसके बाद हालात बेकाबू होने लगे और जगह-जगह छिटपुट हिंसा की घटनाएं होने लगी जिसकी वजह से कासगंज को छावनी में तब्दील करना पड़ गया। डीजीपी मुख्यालय ने इस घटना के बाद वहां अतिरिक्त पुलिस बल भी भेजा ताकि हालात को सामान्य किया जा सके। फिलहाल पुलिस उस हमलावर को चिन्हित नहीं कर पाई है जिसने चंदन पर गोली चलाई थी। दोषियों पर गाज गिरानी शुरू

कासगंज में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के मामले में राज्य सरकार ने दोषियों पर गाज गिरानी शुरू कर दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कासगंज के एसपी सुनील कुमार सिंह को हटा दिया गया है। उनकी जगह पीटीएस मेरठ में तैनात पीयूष श्रीवास्तव को कासगंज का नया एसपी बनाया गया है। राज्य सरकार ने यह कदम उस खुफिया रिपोर्ट के बाद उठाया है जिसमें सुनील कुमार सिंह की लापरवाही का जिक्र है। फिलहाल सुनील कुमार को पीटीएस मेरठ का एसपी बनाया गया है। जल्द ही कुछ अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।एसआईटी करेगी जांचवहीं दूसरी ओर कासगंज के डीएम ने घटना की न्यायिक जांच का जिम्मा एसडीएम सदर देवेंद्र कुमार को सौंपा है। इस प्रकरण में राज्य सरकार द्वारा भी जल्द ही उच्चस्तरीय जांच शुरू करने की संभावना जताई जा रही है। डीजीपी ओपी सिंह के निर्देश पर आईजी रेंज अलीगढ़ ने प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है जिसका नेतृत्व एटा के एएसपी क्राइम को सौंपा गया है जबकि तीन इंस्पेक्टर और एक सब इंस्पेक्टर टीम में शामिल किए गये हैं। वहीं एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि हिंसा किसी सुनियोजित साजिश के तहत तो नहीं अंजाम दी गयी, इस पहलू की जांच भी करायी जा रही है।

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Posted By: Shweta Mishra