सुनियोजित नहीं थी कासगंज की सांप्रदायिक हिंसा, एसपी पर गिरी गाज व एसआईटी करेगी जांच
आई स्पेशलगोली चलने से बिगड़े हालात
सूबे में भाजपा सरकार बनने के बाद सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा के बाद कासगंज की सांप्रदायिक हिंसा ने सरकार को सकते में भले ही डाल दिया हो, लेकिन डीजीपी मुख्यालय को इस बाबत मिली खुफिया रिपोर्ट में जिक्र है कि कुछ लोगों ने इस टकराव को टालने की कवायद भी की थी। विवाद के बाद विपक्ष के एक नेता के घर पर पंचायत भी हुई थी। पूर्ववर्ती सरकारों में इस नेता का प्रशासन पर खासा दबाव रहता था लिहाजा लोग अपनी बात कहने वहां गये थे। इस बीच दोबारा हिंसा भड़क गयी और छत से चली एक गोली अभिषेक गुप्ता उर्फ चंदन की मौत की वजह बन गयी। इसके बाद हालात बेकाबू होने लगे और जगह-जगह छिटपुट हिंसा की घटनाएं होने लगी जिसकी वजह से कासगंज को छावनी में तब्दील करना पड़ गया। डीजीपी मुख्यालय ने इस घटना के बाद वहां अतिरिक्त पुलिस बल भी भेजा ताकि हालात को सामान्य किया जा सके। फिलहाल पुलिस उस हमलावर को चिन्हित नहीं कर पाई है जिसने चंदन पर गोली चलाई थी।
कासगंज में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के मामले में राज्य सरकार ने दोषियों पर गाज गिरानी शुरू कर दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कासगंज के एसपी सुनील कुमार सिंह को हटा दिया गया है। उनकी जगह पीटीएस मेरठ में तैनात पीयूष श्रीवास्तव को कासगंज का नया एसपी बनाया गया है। राज्य सरकार ने यह कदम उस खुफिया रिपोर्ट के बाद उठाया है जिसमें सुनील कुमार सिंह की लापरवाही का जिक्र है। फिलहाल सुनील कुमार को पीटीएस मेरठ का एसपी बनाया गया है। जल्द ही कुछ अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
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