नई के लिए फिलहाल इंतजार, पुरानी सड़कों के ही भरे जाएंगे 'जख्म'
250 के करीब सड़कें बदहाल
5 करोड़ की लागत से होगा मेंटीनेंस 20 करोड़ करीब नई सड़कों के लिए जरूरत 8 जोन में सड़कों की कंडीशन हुई खराब - नगर निगम पांच करोड़ की लागत से सड़कों के भरेगा गढ्डे - 14वें वित्त और अवस्थापना निधि की राशि मिलने के बाद ही बनेंगी नई सड़कें LUCKNOW: नगर निगम द्वारा निर्मित नई सड़कों पर फर्राटा भरने के लिए फिलहाल इंतजार करना पड़ेगा। इसकी वजह है कि निगम के पास वित्तीय संकट। हालांकि शहर की जनता को राहत देने के लिए निगम प्रशासन ने अपनी बदहाल सड़कों के गढ्डे भरने का निर्णय लिया है। यह काम जल्द ही शुरू होगा। 5 करोड़ बजटनिगम प्रशासन की ओर से अपनी बदहाल सड़कों के गढ्डे भरने के लिए करीब 5 करोड़ का बजट रखा गया है। इस बजट की राशि के अनुसार, न सिर्फ सड़कों के गढ्डे भरे जाएंगे बल्कि पैचिंग का कार्य भी कराया जाएगा, जिससे जनता को फिलहाल कुछ समय के लिए बदहाल सड़कों से राहत मिल जाएगी।
250 के करीब सड़कें खराबबारिश के कारण नगर निगम द्वारा निर्मित करीब 250 सड़कें बदहाल हुई हैं। बदहाली का मतलब है कि या तो सड़कें पूरी तरह से उखड़ चुकी हैं या उसमें गहरे गढ्डे हो चुके हैं। जिसकी वजह से जनता को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, बदहाल सड़कों के कारण हादसे होने का भी खतरा बना रहता है।
नई सड़कों के लिए इंतजार निगम प्रशासन के पास अभी 14वें वित्त और अवस्थापना निधि की राशि नहीं आई है। इसकी वजह से निगम प्रशासन द्वारा नई सड़कों की रुपरेखा तैयार नहीं की जा रही है। जबकि हकीकत यह है कि कई शहर के कई स्थानों पर नई सड़क की आवश्यकता है। वार्ड पार्षदों की ओर से इस संबंध में मांग भी की गई है लेकिन जो निगम प्रशासन की वित्तीय स्थिति है, उससे साफ है कि फिलहाल शहरवासियों को नई सड़कों के लिए अभी लंबा इंतजार करना होगा। गड्डे बने हैं मुसीबत गढ्डों में तब्दील हो चुकी सड़कें जनता के लिए मुसीबत का सबब साबित हो रही हैं। बदहाल सड़कों के कारण जनता को जाम रूपी समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है। लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द सड़क मेंटीनेंस पर फोकस किया जाए, जिससे हर किसी को राहत मिल सके। वर्जनपहले तो पुरानी सड़कों का ही मेंटीनेंस कराए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए करीब 5 करोड़ का बजट रखा गया है। शासन से राशि मिलने के बाद नई सड़क बनवाई जाएंगी।
डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त