मलेरिया, डायरिया, डेंगू, टायफायड, जांडिस और वायरल जैसी बीमारियों से अफेक्टेड हो रहे पटनाइट्स

PATNA: पटना में तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण वाटर-बॉर्न डिजीजेज बढ़ने का खतरा शुरू हो गया है। घरों और स्कूल-कॉलेजों के पास जल-जमाव के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है। मलेरिया, डायरिया, डेंगू, टायफायड, जांडिस और वायरल जैसी बीमारियों से प्रभावित पेशेंट की संख्या इन दिनों बड़ी संख्या में रिपोर्ट की जा रही है। पीएमसीएच, एनएमसीएच और विभिन्न पीएचसी में इसके केसेज लगातार आ रहे हैं। पिछले तीन दिनों में अकेले पीएमसीएच में ही 87 केसेज रिपोर्ट किया गया है। इस बारे में पीएमसीएच की पेडियाट्रिक डिपार्टमेंट की हेड डॉ संजाता राय चौधरी का कहना है कि बच्चों पर इन सीजनल बीमारियों से ज्यादा प्रोन होते है। ऐसे में इनकी प्रापर देखभाल की जरूरत होती है।

खास देखभाल की है जरूरत

एनएमसीएच के पेडियाट्रिक डिपार्टमेंट के डॉ नवल किशोर ने बताया कि इमरजेंसी और ओपीडी में इसके पेशेंट लगातार आ रहे हैं। इनमें बच्चों की संख्या अधिक है। इसमें सबसे अधिक संख्या बच्चों और शारीरिक रूप से कमजोर लोगों की है, इसलिए जरूरी बच्चों की देखभाल में कोई कोताही नहीं रखें। खाना गर्म और फ्रेश खिलाएं। इसके साथ ही बच्चे के आस-पास के वातावरण को साफ-सुथरा रखें।

इलाज से अधिक प्रिकॉशन की जरूरत

राजेंद्र नगर, सैदपुर, कंकड़बाग, लोहानीपुर और आशियाना सहित अन्य कुछ इलाकों में जलजमाव का ज्यादा असर है। यही वजह है कि अधिकांश केस इसी इलाके में रिपोर्ट किया जा रहा है.पटना के सिविल सर्जन डॉ केके मिश्रा ने बताया कि वाटर बॉर्न डिजीजेज में सबसे अधिक प्रिकॉशन रखने की जरूरत है। डिजीज का इलाज भले ही खर्चीला नहीं हो, लेकिन इसके लिए प्रिकॉशन रखने की सबसे ज्यादा जरूरत है। उन्होनें इस संभावना से इनकार नहीं किया कि अगर जिन इलाकों में जलस्तर कम नहीं हुआ तो इससे केसेज में और तेजी आ सकती है। हालांकि फिलहाल इसके मेजर आउट-ब्रेक की सूचना नहीं है।

खाना-पानी पर खास ध्यान

वाटर-बॉर्न डिजीजेज में गंदे पानी की समस्या सबसे अधिक है। यह मूल रूप से हाइजिन का भी इश्यू है। इस बारे में पीएमसीएच के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राजीव कुमार सिंह का कहना है कि आमतौर खाना बनाने और खाते समय गंदे पानी का यूज होने पर जांडिस होने का खतरा रहता है। आगे यही हेपेटाइटिस ए और ई के होने का भी खतरा रहता है, इसलिए पानी उबाल कर या प्यूरीफाई करके ही पीना चाहिए। इसके साथ ही आजकल डेंगू का भी केस रिपोर्ट किया जा रहा है, इसलिए आस-पास के गमलों और टायरों आदि में पानी जमा नहीं होने दें, तभी इस डिजीज के साथ अन्य वाटर-बार्न डिजीजेज पर काबू पाया जा सकता है।

डिजीज कारण

मलेरिया-फीमेल एनोफिल मच्छर, जलजमाव न होने दें।

डायरिया- अनहाइजेनिक वाटर से।

डेंगू-सीजनल साफ जमे पानी में होता है। गमले, टायर आदि में पानी जमा न होने दें।

टायफायड- आसपास पानी जमा होने से।

जांडिस- वायरल, हेपेटाइटिस ए और ई से

गैस्ट्रोएंट्राइटिस अनहाइजेनिक फूड से

Posted By: Inextlive