पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान सरकार से चरमपंथी गुटों के ख़िलाफ़ फौजी कार्रवाई की मांग की है.


बिलावल ने कहा कि देश के राजनेताओं को तालिबान जैसे हथियार बंद गुटों द्वारा पैदा किए गए खतरे को देखते हुए सतर्क हो जाना चाहिए.बीबीसी के साथ इंटरव्यू में बिलावल ने यह विचार ऐसे समय प्रकट किए हैं जबकि सरकार बढ़ती हुई हिंसा पर महत्वपूर्ण बातचीत कर रही है.25 वर्षीय भुट्टो ने कहा कि वह 2018 में वह चुनाव लड़ने के बारे में विचार कर रहे हैं.मजबूत स्थितिबीबीसी के साथ विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि चरमपंथियों के साथ बातचीत का विकल्प ख़त्म हो चुका है और अब फौजी कार्रवाई की ज़रूरत है.उन्होंने कहा, "बातचीत हमेशा एक विकल्प है लेकिन हमें मजबूत स्थिति में रहना होगा..""आप बातचीत करते हुए मजबूत स्थिति में कैसे रह सकते हैं? वह हमारे साथ जंग लड़ रहे हैं. हमें उन्हें हराना होगा."


इस महीने की शुरुआत में सेना के एक काफिले पर हमले सहित हाल के चरमपंथी हमलों पर बात करने के लिए पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की बैठक हो रही है.सोमवार को असेंबली का सत्र तालिबान से बातचीत करने या न करने पर मतभेदों के साथ समाप्त हो गया. सरकार तालिबान से वार्ता के पक्ष में है.

भुट्टो ने बीबीसी से कहा उन्होंने सोचा था कि 2007 में उनकी मां की हत्या के बाद "देश जाग रहा है" लेकिन नेताओं ने उनके परिवार द्वारा निर्मित इस सर्वसम्मति को, यह मानकर बेकार कर दिया कि संयुक्त राज्य अमेरिका हमारे लिए तालिबान से लड़ेगा.उन्होंने बीबीसी को कहा कि वह पिछले साल के चुनावों में बुरी तरह से हाई गई अपनी पार्टी, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी में और अधिक जिम्मेदारी लेना चाहते है.उन्होंने कहा, "मैने कभी भी अपने आप को एक राजनेता के रूप में नहीं देखा था. लेकिन अब मैं अपने देश में हूं और देश की दुर्दशा देख रहा हूं तो देश को शांतिप्रिय, समृद्ध और प्रगतिशील बनाने में- जिसका सपना मेरी मां ने देखा था- अपनी भूमिका निभाना चाहता हूं."

Posted By: Subhesh Sharma