पूर्व राष्‍ट्रपति और मिसाइलमैन डॉ. एपीजे अब्‍दुल कलाम का पार्थिव शरीर कल शीलॉन्‍ग से राजधानी दिल्‍ली लाने के बाद आज उनके पैतृक गांव रामेश्वरम ले जाया जा रहा है। जहां पर कल गुरूवार सुबह पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस दौरान रामेश्‍वरम का पूरा माहौल गमगीन हैं। सभी का कहना है कि उन्‍हें अभी जिंदा रहना चाहिए था। आइए जानें डॉ. कलाम के भतीजे का क्‍या है कहना.....

आखिरी समय देखना चाहते हैं चेहरा
दुनिया को अलविदा कहकर करोड़ों लोगों को रुलाने वाले डॉ.कलाम इतनी जल्दी जिंदगी छोड़ देंगे किसी को यकीन नहीं था। कलाम साहब के बड़े भाई मोहम्मद मुथु लेबई मरिकयर जो कि 99 साल के हैं, काफी दुखी हैं। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपने छोटे भाई का अंतिम संस्कार आखों के सामने होते देखेंगे। मोहम्मद मुथु का कहना है कि, वह आखिरी समय अपने भाई का चेहरा देखना चाहते हैं। खैर डॉ कलाम के बड़े भाई ही नहीं पूरा रामेश्वरम गांव अपने हीरो को सल्यूट करना चाहता है।  
10 साल और रहना था जिंदा
मिड-डे से बातचीत के दौरान रामेश्वरम में रहने वाले डॉ.कलाम के भतीजे अबुल शाहुल हमीद (42) ने बताया कि, 'हमारा पूरा परिवार छोटे चाचा (डॉ.कलाम) की मौत से काफी दुखी है। परिवार के सभी सदस्यों को उनकी अचानक हुई इस मृत्यु से गहरा आघात लगा है। हम सभी को विश्वास था कि, कलाम चाचा को 10 साल और जिंदा रहना चाहिए था। मेरे बड़े चाचा (मोहम्मद मुथु) अपने छोटे भाई के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेंगे। रामेश्वरम में एक मोबाइल दुकान चलाने वाले अबुल एपीजे कलाम की तीसरे भाई मुस्तफा कलाम के बेटे हैं। हालांकि मुस्तफा कलाम 16 साल पहले ही दुनिया को अलविदा कह चुके हैं।
25000 गांववाले पहुंचेंगे अंतिम संस्कार में
अबुल बताते हैं कि, डॉ कलाम के अंतिम संस्कार में पूरा परिवार तो शामिल होगा, साथ ही गांव में रह रहे 25,000 से ज्यादा लोग इसमें हिस्सा लेंगे। फिलहाल रामेश्वरम में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम कर दिए गए हैं। सेंट्रल और स्टेट सिक्योरिटी के अलावा स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) भी निगरानी रखे हुए है। वैसे यहां पीएम मोदी से लेकर तमाम वीवीआईपी मौजूद होंगे। ऐसे में सुरक्षा बंदोबस्त मजबूत करना भी जरूरी होगा।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari