-एमएमएमयूटी में आर्गनाइज वेबीनार में स्टूडेंट को दिए टिप्स

-मौजूदा हालात में कैसे ढले इस पर हुई चर्चा

एमएमएमयूटी में आर्गनाइज वेबीनार में स्टूडेंट को दिए टिप्स

-मौजूदा हालात में कैसे ढले इस पर हुई चर्चा

GORAKHPUR: GORAKHPUR: हमें समय के साथ एजुकेशन एवं रिसर्च में इंजीनियरिंग का समावेश करना पड़ेगा। यह समय की मांग है। परन्तु इंजीनियरिंग का यूज भी सावधानी से होना चाहिए। इंजीनियरिंग विकसित करने वालों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि इंजीनियरिंग मनुष्य की सुविधा के लिए है न कि मनुष्य को अपने अनुसार ढालने के लिए। स्थानीय जरूरतों और समस्याओं को भी इंजीनियरिंग विकास के दायरे में लाने की जरूरत है। ये बातें एमएमएमयूटी बातें के इंटर्नल क्वालिटी एश्योरेंस सेल द्वारा मंगलवार को रोल ऑफ डिजिटल टेक्नोलॉजी इन रिसर्च एंड डेवलपमेंट विषय पर आर्गनाइज एक वेबिनार (वेब संगोष्ठी ) में एक्सपर्ट के रूप में आए अवध विवि के वीसी प्रो। मनोज दीक्षित ने कही।

इस समय महामारी से लड़ रही दुनिया

एमएमएमयूटी के वीसी प्रो। श्री निवास सिंह, आईआईटी कानपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रो। जे रामकुमार, एवं आईआईटी पटना में भौतिकी के प्रो। एके ठाकुर मौजूद रहे। एमएमएमयूटी के अधिष्ठाता अकादमिक मामले एवं इंटर्नल क्वालिटी एंश्योरेंस सेल के सदस्य सचिव प्रो। डीके द्विवेदी ने वक्ताओं का स्वागत किया एवं संगोष्ठी का संचालन किया। एमएमएमयूटी के वीसी प्रो। श्री निवास सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि इस समय पूरी दुनिया एक महामारी से लड़ रही है और डिजिटल इंजीनियरिंग उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। निस्संदेह, चिकित्सक और बायो टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ इस लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। साथ ही इंजीनियर्स भी इस लड़ाई में उनका साथ दे रहे हैं। आईआईटी कानपुर के प्रो। जे रामकुमार ने समय प्रबंधन क्या है, लॉकडाउन में समय प्रबंधन कैसे करें, शोध छात्रों को कैसे समय का सही इस्तेमाल करना चाहिए इस विषय पर जानकारी दी। प्रो एके ठाकुर ने डिजिटल प्रौद्योगिकी शोध एवं विकास में किस प्रकार सहायक है, इस विषय पर अपने विचार रखे। संगोष्ठी सुबह क्क्.फ्0 बजे से ऑनलाइन आर्गनाइज की गई। जिस दौरान विवि के लगभग क्00 टीचर्स एवं पीएचडी शोधार्थी मौजूद रहे। संगोष्ठी के अंत में वक्ताओं ने विभिन्न टीचर्स एवं शोध छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए।

Posted By: Inextlive