आपको भी अगर सूचना के अधिकार के तहत ऐसे सवालों का जवाब देना पड़े तो आपके भी पसीना छूट जाएगा. जैसे कि केंद्रीय कानून मंत्रालय के साथ हुआ है. दरअसल जानकारी है कि RTI के तहत एक अर्जी दायर की गई है. इस अर्जी का जवाब देना केंद्रीय कानून मंत्रालय के लिए मुश्किल हो गया.

इन्होंने दिया सवाल का आवेदन  
खबर है कि इस अर्जी में पूछा गया है कि संवैधानिक पदों पर नियुक्त किए जाने वाले लोग व सांसद विधायक जिसकी शपथ लेकर पद का कार्यभार संभालते हैं, वह ईश्वर कौन है. RTI के तहत इस सवाल का आवेदन श्रद्धानंद योगाचार्य ने किया है.        
क्या है सत्यमेव जयते का अर्थ
योगाचार्य के सवाल यहीं खत्म नहीं हुए. उन्होंने यह भी पूछा कि राष्ट्रीय प्रतीक के आधार पर जहां 'सत्यमेव जयते' लिखा जाता है, उस 'सत्यमेव जयते' का आखिर क्या अर्थ है. इसका क्या उद्देश्य है. योगाचार्य की ओर से इस अर्जी को राष्ट्रपति सचिवालय को संबोधित किया गया था. वहां से इसे गृह मंत्रालय के लिए भेज दिया गया. उसके बाद इसे कानून मंत्रालय को सौंप दिया गया.
एक अधिकारी ने दिया जवाब
लाख कोशिश करने के बाद भी योगाचार्य को इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. ऐसे में उन्होंने रुख किया केंद्रीय सूचना आयोग का. यहां वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान कानून मंत्रालय के एक अधिकारी ने उनको जवाब दिया कि RTI के अंतर्गत उन्हें सिर्फ वही सूचनाएं मिल सकेंगी, जो उनके रिकॉर्ड का हिस्सा हो. रिकॉर्ड के अलावा अन्य जानकारियां मुहैया नहीं कराई जा सकेंगी.

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Posted By: Ruchi D Sharma