अरविंद केजरीवाल से इंस्‍पॉयर होकर अनिल कपूर ने नायक 2 बनाने का डिसीजन तो ले लिया है. अब सवाल ये है कि वाकई केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी फिल्‍म को बॉयोपिक की तरह पेश करने में हैल्‍प करेगी या फिर एक सपने की दास्‍तान सुनाएगी जिसका वेट कर रहे हैं अनिल कपूर और अब आप भी कीजिए.

ल कपूर इन दिनों काफी एक्साइटेड हैं और मिस्टर इंडिया चाहते हैं की अब वो नायक बन कर ओरिजनल नायक बने दिल्ली के नए चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल को रिप्रेजेंट करें. पर लाख टके का सवाल आपसे है कि क्या आप चाहते हैं कि आप रियल लाइफ में जिस नायक को फॉलो कर रहे हैं उसे रील लाइफ में भी देखने के लिए पैसे खर्च करें, या फिर कुछ और जो फिल्म को रियल से रील का इफेक्ट देगा. मिस्टर इंडिया या नायक जैसी मूवीज इसलिए हिट हुंई थी क्योंकि उनके जैसे करेक्टर रियल लाइफ में नहीं मिलते, अगर वो बातें सच में हो जायें तो फैंटेसी क्या रही. लोगों की सप्रेस्ड विशेज का आईना होती हैं ऐसी आइडियलॉजिकल फिल्में, अगर ऐसा वाकई में हो तो उसे बॉयोपिक कहते हैं.

अब अनिल कपूर कह रहे हैं कि फिल्हाल बिजी होने के कारण वो नायक 2 पर काम 2015 में स्टार्ट करेंगे. शायद उनकी फिल्म का यही टेक्निकल पेंच है. 2015 तक ये क्लियर हो जाएगा कि स्वराज का जो सपना अरविंद केजरीवाल दिखा रहे हैं वो कितना हिट है और उसका इंपेक्ट पड़ेगा. अगर वो कामयाब हुए तो बॉयोपिक बनेगा और नाकामयाब रहे तो शायद वंस अपॉन अ टाइम मुंबई दोबारा की तर्ज पर बनेगा मि. इंडिया नायक दोबारा. यानि मसाला बराबर रहेगा अब केजरीवाल का फ्यूचर डिसाइड करेगा कि फिल्म का कंटेंट और फ्लेवर क्या होगा.
 
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Posted By: Kushal Mishra