क्‍या आप ने कभी सोचा है कि ये नाखून बढ़ते ही क्यों हैं। अगर ये नाखून नहीं बढ़ते तो कितना अच्छा होता। आइए आपको बताते हैं इंसानी शरीर में हाथ-पैर के नाखून बढ़ने का राज।

ऐसे होती है नाखून की उत्पति
नाखून की जड़ क्यूटिकल के अंदर छिपी होती है। जब इसकी जड़ में नई कोशिकाएं विकसित होती हैं तो वे पुरानी कोशिकाओं को बाहर की ओर धकेलती हैं। बाहर ये हार्ड दिखाई पड़ती हैं। इन्हें ही नाखून कहते हैं। ये कोशिकाएं कैराटिन नामक प्रोटीन से बनी होती हैं। क्यूटिकल्स के पास की त्वचा में छोटी-छोटी ब्लड वेसल होती हैं। जिनसे नाखूनों को पोषण मिलता है। नाखून जड़ यह जीवित कोशिकाओं का रोगाणु है। रूट नई कोशिकाओं का उत्पादन करती है जो धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं विकास प्रदान करते हैं। यह त्वचा के नीचे कील के दृश्य हिस्से के नीचे थोड़ा नीचे स्थित है। कभी-कभी इस तत्व को मैट्रिक्स कहा जाता है।
इसलिये बढ़ते हैं नाखून
नाखून में जड़ से निर्मित जीवित कोशिकाओं का केराटिनाइजेशन होता है। नाखून के आसपास की त्वचा मृता हो जाती है। जिससे की नाखूनों को बढ़ने में कोई दिक्कत ना हो। नाखून मृत कोशिकायें होती है। यू-शेप क्यूटिकल नाखून का किनारा से नाखून बढऩा शुरू होते हैं। जानवरों में नाखून बढ़ना उनकी जीवनयापन के लिये अनिवार्य होता है। कई जानवर पेड़ों पर नाखूनों की सहायता से ही चढ़ते हैं। जब इंसान की उत्पति हुई थी तभी से नाखून बढ़ने की प्रक्रिया शुरु हुई है। नाखून बढ़ना एक दैनिक क्रिया होती है। अगर आप ध्यान देना छोड़ दें तो नाखून जरूरत से ज्यादा बढ़े हो सकते हैं।

 

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Posted By: Prabha Punj Mishra