अगर सामने वाले को देखकर उसका नाम याद नहीं आ रहा है। तो ज्‍यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह सिर्फ आपके साथ ही नहीं बाकी लोगों के साथ भी अक्‍सर होता है। बहरहाल अगर आप यह समझना चाहते हैं कि आखिर ऐसा होता क्‍यों है तो आगे पढ़ें।


मान लीजिये दिन भर में आपकी राम, श्याम या गीता जैसे नाम वाले कई लोगों से मुलाकात होती है। दिमाग इतने नाम याद नहीं रखना चाहता। मिलते-जुलते नामों के साथ यह अकसर होता है। उसे लगता है कि इस जानकारी को स्टोर करने से कोई फायदा नहीं है। जब तक कि आप ऐसे किसी व्यक्ति से कई बार नहीं मिलते दिमाग उसकी तस्वीर और नाम को एक साथ लंबे समय के लिये स्टोर करने को तैयार नहीं होता।
अगर आप किसी सामाजिक समारोह में हिस्सा ले रहे हैं तो वह मिलने वाले ढेर सारे लोगों में से कुछ को ही याद रख पाते हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि हम उनसे बातचीत को नाम से आगे शायद ही बढ़ाते हैं। हमारा दिमाग किसी कंप्यूटर से अलग नहीं है। आप फोल्डर का नाम कुछ भी रख सकते हैं लेकिन काम तो उसके अंदर स्टोर जानकारी ही आती है। अब तो समझ ही गये होंगे कि आपको सामने वाले का नाम याद क्यों नहीं आ रहा है। जस्ट चिल।

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Posted By: Shweta Mishra