कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कोविड के डेल्टा प्लस संस्करण को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार से पूछा कि इसके प्रसार को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर कोई परीक्षण क्यों नहीं किया जा रहा है। टीके कितने प्रभावी हैं इस पर भी जवाब मांगा है।


नई दिल्ली (एएनआई)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कोविड ​​​​-19 के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। भारत में डेल्टा प्लस के मामले बढ़ रहे हैं। इस वैरिएंट के अधिकांश केस महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश से पाए गए हैं। ऐसे में कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर डेल्टा प्लस वैरिएंट पर मोदी सरकार से सवाल पूछा कि इसकी जांच और रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर टेस्टिंग क्यों नहीं की जा रही है? इसके खिलाफ टीके कितने कारगर हैं और इसकी पूरी जानकारी कब उपलब्ध होगी? कोरोना वायरस की तीसरी लहर में इसे नियंत्रित करने की क्या योजना है। डेल्टा प्लस पर कई सर्च किए जा रहें


डेल्टा प्लस विशेषज्ञों द्वारा पहचाने गए कोविड-19 का एक प्रकार है। इस पर कई अध्ययन चल रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, INSACOG ने सूचित किया है कि डेल्टा प्लस संस्करण वर्तमान में वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न (VOC) है। और इसमें तेजी से प्रसार, फेफड़े की कोशिकाओं के रिसेप्टर से मजबूती से चिपकने और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी प्रतिक्रिया में संभावित कमी जैसी कई विशेषताएं हैं। इन राज्यों में मिल चुके हैं इसके केस

भारत में इस डेल्टा प्लस वैरिएंट के अधिकांश मामले महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश से पाए गए हैं। यहां जांचे चल रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने उपर्युक्त राज्यों के प्रभावित जिलों में रोकथाम के उपायों को तेज करने की सलाह दी है। आईसीएमआर और एनआईवी इस पर रिसर्च कर रहे है कि क्या भारत में मौजूदा टीकों द्वारा कोरोना वायरस के नए और अधिक पाॅवरफुल वैरिएंट को बेअसर किया जा सकता है।

Posted By: Shweta Mishra