दुनिया के इकलौते सफेद नर गैंडा को दी गई दया मृत्यु, मांस पेशियों और गहरे जख्म से था पीडि़त
45 साल का था गैंडा सूडानओल पेजेता अभ्यारण ने अपने एक बयान में कहा है कि सोमवार को 45 वर्ष के गैंडा सूडान को दया मृत्यु दे दी गई। यह फैसला वन्य जीव अधिकारियों से सलाह मशविरा के बाद यह निर्णय लिया गया। दरअसल सूडान उम्र के अंतिम पड़ाव पर वह कई प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताओं से पीडि़त था। वह मांस पेशियों, हड्डियों और त्वचा में गहरे घाव से पीडि़त था। फरवरी के अंतिम दो सप्ताह और मार्च के शुरू में सूडान दर्द से काफी पीड़ा में था। उसके दाहिने पिछले पैर में गहरे जख्म थे।
काफी प्रयासों के बावजूद वह प्राकृतिक रूप से दोनों मादा गैंडा के साथ संसर्ग नहीं कर पाया। ऐसे में पिछले साल ही अभ्यारण प्रशासन ने उसे डेटिंग एप टिंडर पर डाला था। उन्हें उम्मीद थी कि सूडान की प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था हो जाएगी। उसके इस उपचार की लागत करीब 90 लाख डॉलर थी। अभ्यारण ने कहा कि सोमवार को सूडान के आनुवांशिकी तत्व संरक्षित कर लिए गए हैं। भविष्य में इसकी मदद से इस प्रजाति के गैंडों के प्रजनन की कोशिश की जाएगी।
50 हजार डॉलर किलो सींग
अंतरराष्ट्रीय बाजार में उत्तरी सफेद गैंडा के सींग की कीमत 50 हजार डॉलर प्रति किलो है। यही वजह है कि इस प्रजाति के गैंडों की संख्या में तेजी से कमी आई। शिकारी सोने से भी महंगे सींग के लिए इस प्रजाति के गैंडों का अंधाधुंध शिकार करने लगे। 1970 में इनकी संख्या 20 हजार थी, जो घटते-घटते 1990 में 400 रह गई थी। सूडान की मौत के बाद अब दो रह गई है।