World Press Freedom Day 2023 : दुनियाभर में हर साल 3 मई को वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे मनाया जाता है। इस स्पेशल डे को सेलिब्रेट करने का मकसद प्रेस की फ्रीडम के महत्व को बताना होता है। आइए इस खास दिन पर जानें दुनिया के किस देश में कितनी फ्रीडम...


कानपुर (इंटरनेट)। World Press Freedom Day 2023 : 'बोल की लब आजाद हैं तेरे' जी हां बोलना व अपनी बात रखना हर किसी का अधिकार है। पूरी दुनिया में इस अधिकार यानी कि बोलने की आजादी काे विशेष महत्व दिया जाता है और इसमें प्रेस का अहम रोल होता है। शायद तभी हर साल 3 मई के दिन वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे मनाया जाता है। हालांकि हर देश में बोलने की कितनी आजादी यानी कि प्रेस को कितनी फ्रीडम है येपेरिस स्थित रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) की रिपोर्ट के अनुसार वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में स्पष्ट है। इसमें नॉर्वे टाॅप पर है तो नार्थ कोरिया सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला देश है। भारत 150वें स्थान पर आ गया


इंडेक्स के अनुसार, भारत इस सर्वे में 180 देशों में आठ पायदान लुढ़ककर 150वें स्थान पर आ गया है। इसके पहले 2016 में यह 142वें नंबर पर था। वहीं रूस 155वें स्थान पर है। इस इंडेक्स में टाॅप पर है नॉर्वे कंट्री नॉर्वे 92.65 के स्कोर के साथ वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2022 में सबसे ऊपर है। इसके अलावा 90.27 और 88.84 के वर्ल्ड स्कोर के साथ डेनमार्क और स्वीडन का नंबर है।नार्थ कोरिया सबसे खराब रैंक वाला देश

वहीं उत्तर कोरिया 13.92 के स्कोर के साथ दुनिया में सबसे खराब रैंक वाला देश है। इसके अलावा निचले पांच में अन्य देश म्यांमार, तुर्कमेनिस्तान, ईरान और इरिट्रिया शामिल हैं।चीन और पाकिस्तान की ये है पोजीशनभारत के अच्छे पड़ोसी देशों में गिने जाने वाले भूटान का 33वां नंबर है। चीन और पाकिस्तान दोनों भारत के प्रमुख पड़ोसी, 25.17 और 37.99 के कुल स्कोर संग इंडेक्स में नीचे हैं।वर्ल्ड रैंकिंग में चीन 175वें नंबर पर नेपाल वर्ल्ड रैंकिंग में 30 अंकों की बढ़त के साथ 76वें, पाकिस्तान 157वें, श्रीलंका 146वें, बांग्लादेश 162वें और म्यांमार 176वें नंबर पर है। इसके अलावा चीन 175वें नंबर पर है।

Posted By: Shweta Mishra