- व‌र्ल्ड टीबी डे पर हुए जागरुकता कार्यक्रम

ALLAHABAD: डायबिटीज और एचआईवी के मरीजों में टीबी होने के चांसेज काफी ज्यादा होते हैं। देश की की कुल आबादी के ब्0 फीसदी लोगों में इस बीमारी के बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं। इनमें से दस फीसदी लोगों में टीबी होने के आसार होते हैं। एमएलएन मेडिकल कॉलेज के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में हुए व‌र्ल्ड टीबी डे के मौके पर हुए जागरुकता कार्यक्रम के दौरान विभागाध्यक्ष डॉ। तारिक महमूद ने यह बात कही। इस दौरान शहर और ग्रामीण क्षेत्र से आए मरीजों की जांच भी की गई।

ख्ब् फीसदी मरीज

भारत में विश्व के सर्वाधिक टीबी के मरीज मौजूद हैं। यह चौबीस फीसदी से अधिक हैं। डॉ। महमूद ने कहा कि डायबिटीज व एड्स के मरीजों को टीबी होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इस रोग के बैक्टीरिया सामान्य धूप में पांच से सात मिनट में मर जाते हैं लेकिन अंधेरे व नमी वाली जगह पर कई महीने तक जीवित रहते हैं। इससे नए लोग भी संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं। इस बीमारी का पता लगते ही इलाज शुरू कर देना चाहिए। जरा सी लापरवाही से बीमारी घातक रूप ले लेती है। इस मौके पर नाजिया बानो आदि मौजूद रहीं।

मरीजों को बांटे फल

तेलियरगंज स्थित टीबी हॉस्पिटल में मंगलवार को टीबी के मरीजों को फल आदि का वितरण किया गया। डॉ। मनीष चौरसिया ने बताया कि मरीजों और उनके परिजनों को कार्यक्रम के दौरान टीबी से बचाव और मरीजों की देखभाल के तरीके बताए गए। इलाज को पूरा न करने वाले मरीजों को एमडीआर के खतरे से आगाह किया गया। इस दौरान हॉस्पिटल स्टाफ समेत कई लोग मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive