एक 14 साल के क‍िशोर का कीड़ों द्वारा दो साल में 22 लीटर यानी क‍ि 50 यून‍िट खून पीने वाली बात काफी हैरान करने वाली है लेकि‍न यह घटना सच है। पीड़ि‍त क‍िशोर उत्तराखंड के हल्द्वानी का रहने वाला है। हाल ही में उसका इलाज द‍िल्‍ली के गंगाराम अस्पताल में हुआ है। आइए जानें यह पूरा मामला और यहां पढ़ें बच्‍चों को कैसे बचाएं इन खतरनाक कीड़ों से...


बीमारी नहीं पता चल पा रही थीउत्तराखंड के हल्द्वानी के रहने वाले 14 वर्षीय किशोर की पिछले दो सालों से तबियत काफी बिगड़ी रहती थी। उसे शौच के दौरान खून आता था। इस वजह से उसमें आयरन की कमी हो गई थी और वह एनीमिया से पीड़ित हो गया था। उसके शरीर में खून की कमी दूर करने के लिए उसका काफी इलाज कराया और उसे कई बार खून भी चढ़वाया गया। जांचों के दौरान भी किशोर के शरीर में कोई खास बीमारी नहीं पता चल पा रही थी। उसके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्र 5.86 ग्राम प्रति डेसीलीटर रह गई थी। डॉक्टर भी बीमारी देख हुए हैरान
ऐसे में परिजनों ने लोगों की सलाह पर करीब 6 माह पहले गंगाराम अस्पताल में उसे भर्ती कराया। यहां पर डॉक्टरों ने बच्चे के सारे लक्षण जानने और जांचे देखने के बाद एंडोस्कोपी व क्लोनोस्कोपी कराई उसमें भी जांच रिपोर्ट सामान्य आई। इसके बाद फिर कैप्सूल एंडोस्कोपी से उसके शरीर की बीमारी पता की। बच्चे के शरीर में कृमि यानी कि कीड़े पाए गए। पेट के ये कीड़े ही उसका दो साल में करीब 22 लीटर खून पी गए थे। गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर भी उसकी इस बीमारी को देखकर हैरान हो गए।


बच्चों का इस तरह से रखें ध्यान डॉक्टरों ने कृमि को दवा देकर उसके पेट से खत्म किया। इस बीमारी के संबंध में डॉ. अनिल अरोड़ा का कहना है कि यह बीमारी सामान्य रूप से ज्यादातर बच्चों और किशोरों में पाई जाती है। यह इंफेक्शन का प्रभाव होता है। हालांकि मुख्य रूप से पेट में कृमि गंदा पानी पीने, हाथ साफ किए बगैर भोजन करने व नंगे पांव चलने से हो जाते हैं। ऐसे में बच्चों को इन चीजों से बचाकर रखना चाहिए। सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। उन्हें हमेशा साफ पानी पिलाना चाहिए। खानें की चीजें भी साफ-सुथरी रखें। कीड़े होने पर दिखाई देते हैं ये लक्षण

पेट में कीड़े होने पर कोई खास लक्षण तो नहीं दिखाई देते हैं लेकिन हां कुछ सामान्य लक्षण जरूर हैं। इनमें अक्सर बच्चों का स्वाभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। उन्हें हर समय हल्की-हल्की मिचली यानी कि उल्टी होने का अहसास होता रहता है। इसके अलावा कई बार खांसी भी आती रहती है। कभी कभी उल्टी या खांसी में कीड़े बाहर भी आ जाते हैं। इसके अलावा बच्चों में आंतरिक रक्तस्त्राव भी होता है। इससे शरीर में आयरन की कमी और एनीमिया हो जाती है। शरीर काफी दुबला-पतला सा दिखाई देने लगता है।

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Posted By: Shweta Mishra