- समग्र शिक्षा अभियान को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक

- नेस के रिजल्ट के मद्देनजर एजुकेशन क्वालिटी पर फोकस करने के निर्देश

- स्कूलों में 17 प्रतिशत जेंडर गेप

DEHRADUN: सरकारी स्कूलों में समग्र शिक्षा अभियान को धरातल पर उतारने और नए प्लान पर फोकस करने के लिए ट्यूजडे को शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें प्री स्कूल से इंटर तक के स्कूलों में अभियान को प्रभावी तौर पर चलाने को लेकर प्लान तैयार किया गया। दो दिनों तक समग्र शिक्षा अभियान को लेकर अलग-अलग बैठक आयोजित की गई। जिसमें मंडे को गढ़वाल और ट्यूजडे को कुमांऊ मंडल के अधिकारियों की बैठक ली गई। बैठक में जेंडर गेप को कम करने और अभियान को सफल बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

जेंडर गेप को कम करने के लिए बने विशेष प्लान

अपर परियोजना निदेशक डॉ। मुकुल सती ने बताया कि शिक्षा सचिव भूपेंद्र कौर औलख ने एजुकेशन क्वालिटी पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। जिसे नेस के रिजल्ट के आधार पर तैयार करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा शिक्षा में जेंडर गेप को कम करने के लिए विशेष प्लान और लड़कियों के ड्रॉप आउट को कम करने पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। बैठक में बताया गया कि अब भी स्कूलों में 17 प्रतिशत का जेंडर गेप है, जिसे कम करने की जरूरत है। इसके अलावा बैठक में समग्र शिक्षा अभियान के तहत मिलने वाली सुविधाओं की भी जानकारी दी गई। बताया गया कि समग्र शिक्षा अभियान में यूनिफार्म के लिए बच्चों को दिए जाने वाले शुल्क को अब 400 से बढ़ाकर 600 रुपए कर दिया गया है। इसके साथ ही स्कूलों को दी जाने वाली ग्रांट के तहत अब 100 बच्चों तक 25 हजार, 100 से 250 तक 50 हजार और 1000 से ऊपर 1 लाख रुपए स्कूलों को खर्चे के लिए दिए जाएंगे। इसके साथ ही खेलकूद के लिए अब प्राइमरी को 5 हजार इसके बाद क्रमश: 10 हजार और 25 हजार मिलेंगे। बैठक में बताया गया कि स्कूलों में एजुकेशन क्वालिटी सुधारने के लिए नवाचार प्रोग्राम जैसे मिशन कोशिश पर विशेष फोकस किया जाएगा। मिशन कोशिश को आगे बढ़ाने पर भी सहमति बनी। बैठक में शिक्षा सचिव भूपेन्द्र कौर औलख, शिक्षा निदेशक आरके कुंवर के अलावा कई अधिकारी मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive