गोरखपुर (ब्यूरो)। चंद्र ग्रहण को देखने के लिए वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला तारामंडल गोरखपुर में खास इंतजाम किए गए थे. तारामंडल में विशेष प्रकार की डोबसोनियन नाईट स्काई वॉचर और अन्य प्रकार की स्पेशल नाईट स्काई टेलिस्कोपस से चंद्र ग्रहण फ्री देखने का इंतजाम किया गया था. जहां काफी अधिक संख्या में पहुंचेने इस खगोलीय घटा को बेहद बारीकी से देखा और समझा. साथ ही लोगों ने खगोलविद अमर पाल सिंह से चंद्र ग्रहण के बारे में जानकारी भी ली. इसके लिए किसी तरह कोई शुल्क नहीं लिया गया. इसके अलावा खगोल विज्ञान में इंट्रेस्ट रखने वाले लोगों ने टेलिस्कोप और बायनोक्यूलर के जरिए भी साल का आखिरी चंद्र ग्रहण देखा.


क्या होता है ग्रहण?
खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया, ग्रहण एक खगोलीय घटना होती है. जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक सीधे रेखा में आ जाते हैं. इसे खगोल विज्ञान की भाषा में सिजिगी कहा जाता है, और तब इस विशेष प्रकार के अद्भुत संयोग से घटित होने वाली इस खगोलीय घटना को ही ग्रहण कहा जाता है. ग्रहण दो प्रकार के होते हैं. पहला सूर्य ग्रहण और दूसरा चंद्र ग्रहण होता है.
lunar eclipse 2022 : तारामंडल में टेलिस्कोप और बायनोक्यूलर से देखा गया चंद्र ग्रहण
कितने प्रकार के होते हैं चंद्र ग्रहण
खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया, चंद्र ग्रहण मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं. पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चन्द्र ग्रहण और उपछाया चन्द्र ग्रहण होता है. उन्होंने बताया, प्रत्येक पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण नहीं होता है, क्योंकि पृथ्वी से चंद्रमा का ऑर्बिटल तल (कक्षीय झुकाव) 5 डिग्री है. जिस कारण हमेशा तीनों एक ही तल पर नहीं आ पाते हैं, लेकिन जब भी तीनों एक ही सीधी रेखा में आते हैं, तब ये घटना होती है.
कब होगा अगला चंद्र ग्रहण?
खगोलविद अमर पाल सिंह के मुताबिक, अगला चंद्र ग्रहण 6 मई, 2023 को होगा. जो की एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा.

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