कुंभ मेले का हवाला देते हुए प्रमुख सचिव पर्यावरण ने डीएम समीर वर्मा से कानपुर के सभी गंगा नदी व उसके घाटों की साफ-सफाई की खास व्यवस्था के निर्देश दिये हैं. इसी क्रम में डीएम ने एसीएम स्तर पर 7 टीमों का गठन किया है. इन टीमों का गठन विशेष रूप से जाजमऊ स्थित टेनरियों की छानबीन करना होगा. हर एक टीम में एसीएम और सीओ के अलावा पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई व नगर निगम के अफसर को शामिल किया गया है.
आज बनेगा खाका
सभी टीमें टेनरियों में ट्रीटमेंट प्लांट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था समेत पानी का लीकेज भी चेक करेंगी. एसीएम-1 योगेन्द्र कुमार ने बताया कि किस टेनरी पर कब और क्या-क्या जांच की जानी हैं. इसकी रूपरेखा वेडनेसडे को तैयार की जाएगी. उसके बाद हर टीम अलग-अलग टेनरियों में छापेमारी अभियान शुरू करेगी. मानक के विपरीत सिचुएशन पाये जाने पर स्ट्रिक्ट एक्शन लिया जाएगा.
43 घाट और 86 रूम
सिटी में गंगा घाटों में सरसैया घाट पर माघ वाले दिन सबसे ज्यादा भीड़ होती है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां स्नान करते हैं. अकेले सरसैया घाट पर 43 घाट हैं और हर घाट के ऊपर 2-2 कमरे बने हैं. इन्हें गंगा स्नान करने दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बनाया गया था. मगर, अब इन रूम्स में अवैध कजे हो चुके हैं.
कुंभ मेले का हवाला देते हुए प्रमुख सचिव पर्यावरण ने डीएम समीर वर्मा से कानपुर के सभी गंगा नदी व उसके घाटों की साफ-सफाई की खास व्यवस्था के निर्देश दिये हैं. इसी क्रम में डीएम ने एसीएम स्तर पर 7 टीमों का गठन किया है. इन टीमों का गठन विशेष रूप से जाजमऊ स्थित टेनरियों की छानबीन करना होगा. हर एक टीम में एसीएम और सीओ के अलावा पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई व नगर निगम के अफसर को शामिल किया गया है.
सभी टीमें टेनरियों में ट्रीटमेंट प्लांट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था समेत पानी का लीकेज भी चेक करेंगी. एसीएम-1 योगेन्द्र कुमार ने बताया कि किस टेनरी पर कब और क्या-क्या जांच की जानी हैं. इसकी रूपरेखा वेडनेसडे को तैयार की जाएगी. उसके बाद हर टीम अलग-अलग टेनरियों में छापेमारी अभियान शुरू करेगी. मानक के विपरीत सिचुएशन पाये जाने पर स्ट्रिक्ट एक्शन लिया जाएगा.
सिटी में गंगा घाटों में सरसैया घाट पर माघ वाले दिन सबसे ज्यादा भीड़ होती है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां स्नान करते हैं. अकेले सरसैया घाट पर 43 घाट हैं और हर घाट के ऊपर 2-2 कमरे बने हैं. इन्हें गंगा स्नान करने दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बनाया गया था. मगर, अब इन रूम्स में अवैध कजे हो चुके हैं.
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