कानपुर। महाराष्ट्र में शनिवार सुबह नाटकीय घटनाक्रम में बीजेपी विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणनवीस के सीएम व एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पावार के डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। शुक्रवार शाम तक यह तय माना जा रहा था कि राज्य में शिवसेना, एनसीपी व कांग्रेस की मिलीजुली सरकार बनने जा रही है व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनेंगे।  

बहुमत को लेकर जोड़तोड़ शुरू
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हटने व नई सरकार बनने के साथ ही बहुमत को लेकर जोड़तोड़ शुरू हो गई है। एनसीपी नेता शरद पवार ने ट्वीट कर अजित पवार के फैसले को यह कहकर खारिज कर दिया है कि यह एनसीपी का फैसला नहीं है। वहीं रिपब्लिक टीवी के मुताबिक बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के राज्य में शपथ लेने के बाद शिवसेना खेमे में हलचल है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि शिवसेना के 22 विधायक पार्टी से अलग हो सकते व नई सरकार का समर्थन कर सकते हैं।


अजित पवार का फैसला एनसीपी का नहीं
देवेंद्र फडणनवीस के अचानक शपथ लेने पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ट्विटर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि फडणनवीस के नेतृत्व वाली सरकार का एनसीपी समर्थन नहीं करती है। उन्होंने ट्वीट किया है कि अजित पवार के निर्णय का हम समर्थन नहीं करते हैं। वहीं बीजेपी एमएलए गिरीश महाजन ने दावा किया है कि अजित पवार ने राज्यपाल को एनसीपी के 54 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी है।

 

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