-सड़कों के चौड़ीकरण के लिए बड़ी संख्या में काटे गए महुआ के पेड़
साइंटिफिक नेम- मधुका लोंगफोलिआ
लोकल नेम- महुआ
40 साल पुराना पेड़ डेलापीर पर लगा है
20 मीटर तक ऊंचा होता है पेड़
: प्रोटेक्ट द स्पीशीज थीम पर अर्थ डे से शुरू हुए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के कैंपेन आज हम आपको महुआ के पेड़ के बारे में बता रहे हैं. इसका नाम तो आपने सुना होगा, लेकिन इसे देखा कम लोगों ने ही होगा. शहर की बात करें तो डेलापीर चौराहा के पास करीब 40 साल पुराना महुआ का एक पेड़ लगा है. इसके अलावा कुछ पेड़ कैंट एरिया में भी लगे हैं.
बड़ी संख्या में काटे गए पेड़
बरेली कॉलेज के बॉटनी डिपार्टमेंट के हेड प्रोफेसर आलोक खरे बताते हैं कि महुआ का पेड़ कोई दुर्लभ प्रजाति का वृक्ष नहीं है. कुछ साल पहले शहर की मुख्य सड़कों के किनारे महुआ के पेड़ बड़ी संख्या में थे, लेकिन सड़कों के चौड़ीकरण के चलते इन पेड़ों को काट दिया गया. अब शहर में महुआ के कुछ पेड़ ही बचे हैं.
सोप, डिटर्जेट में यूज
महुआ के बीजों के तेल का उपयोग साबुन और डिटर्जेट बनाने में भी किया जाता है. तेल निकालने के बाद बीज की खल जानवरों को खिलाने या खेतों में उर्वरक के रूप में इस्तेमाल होती है. इसके अलावा कुछ जगह महुआ के फलों का यूज शराब बनाने में भी किया जाता है.