कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। हिन्दू पर्व निर्णय के अनुसार सूर्य मकर राशि में जिस दिन प्रवेश करता है, उस दिन मकर संक्रान्ति मनाई जाती है। यदि सूर्य मकर राशि में सूर्योदय से पूर्व प्रवेश करें तो मकर संक्रान्ति पहले दिन ही मनाई जायेगी। इस वर्ष 2021 में दिनाँक 14 जनवरी, गुरुवार को मकर संक्रान्ति होना विशेष महत्वपूर्ण है क्योकि इस वर्ष संक्रान्ति अयन संक्रान्ति होने के कारण अति महत्वपूर्ण है इस वर्ष सूर्य देव का मकर राशि में प्रवेश निरयण गणना के अनुसार 14 जनवरी 2021 को प्रातः 8:14 बजे होगा।

सिद्दि देने वाला ध्वज योग रहेगा
इस वर्ष मकर संक्रान्ति के समय अति शुभ फल देने वाला *"श्रवण नक्षत्र" एवं सिद्दि देने वाला ध्वज योग रहेगा, जिसका फल शुभ होना बताया गया है। ज्योतिषत शास्त्र के अनुसार मकर संक्रान्ति के स्वामी सूर्ये पुत्र शनि देव है। शनि के प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए इस दिन की गई सूर्यो उपासना महाशुभ है मत्स्य पुराण के अनुसार मकर संक्रान्ति के दिन सूर्योपासना के साथ यज्ञ, हवन एंव दान को पुण्य फलदायक माना गया है। शिव रहस्य ग्रन्थ में मकर संक्रान्ति के अवसर पर हवन पूजन के साथ खाद्य वस्तुओं में तिल एवं तिल से बनी वस्तुओं का विशेष महत्व बताया गया है।

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इस वर्ष मकर संक्रान्ति पौष माह में
पुराणों के अनुसार मकर संक्रान्ति सु:ख शान्ति, वैभव, प्रगति सूचक, जीवों में प्राण दाता, स्वास्थ्य वर्धक, औषधियों के लिए वर्णकारी एवं आयुर्वेद के लिए विशेष है। यदि संक्रान्ति दिन में हो तो प्रथम तृतीयांश में क्षतियों को, दूसरे तृतीयांश में ब्राह्मणों को, तीसरे तृतीयांश में वैश्यों को और सूर्यास्त के समय की संक्रान्ति शूद्रों को कष्टप्रद होती है। इसी प्रकार रात्रि के प्रथम प्रहर की संक्रान्ति घृणित कर्म करने वालो को, दूसरे प्रहर की संक्रान्ति राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों को, तीसरे प्रहर की संक्रान्ति संगीत से जुड़े लोगों को, चौथे प्रहर की संक्रान्ति किसान, पशुपालक, मज़दूरों के लिए दुखदायिनी होती है। मकर संक्रान्ति प्राय: माघ मास में आती है परन्तु इस वर्ष मकर संक्रान्ति पौष माह में पड़ रही है।

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मकर संक्रान्ति का पुण्य काल
मुहुर्त चिंतामणि ग्रंथ के अनुसार सूर्य के संक्रान्ति से 40 घटी पहले और 40 घटी बाद तक पुण्य काल माना जाता है अत: महापुण्य काल अपरान्ह 02:38 बजे तक एवं पुण्यकाल सूर्यास्त तक रहेगा।

-मकर-संक्रान्ति पर्व(14 जनवरी 2021,गुरुवार)--
--पंचग्रह योग में मकर सक्रांति का बन रहा विशेष योग।
--हरिद्वार कुम्भपर्व के प्रथम स्नान का बन रहा इस दिन विशेष योग।
--सूर्यदेव का 'पुत्र शनि की राशि मकर' में होगा प्रवेश प्रातः 8:14 बजे।
--महापुण्य काल प्रातः सूर्योदय से अपराह्न 2:38 बजे तक।
--पुण्यकाल पूरे दिन रहेगा
--मेष,सिंह,वृश्चिक एवं मीन राशि के लिए लाभप्रद।
--संक्रांति फल:- वारानुसार "नंदा" तथा नक्षत्रानुसार "महोदरी" नामक यह संक्रांति ब्राह्मणों, लेखकों तथा शिक्षक वर्ग के लिए लाभप्रद रहेगी।
--इस दिन शुक्र के पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में प्रवेश से *बाज़ारों में बनेगा तेजी का माहौल।
--शनि प्रकोप से मुक्ति पाने का पर्व मकर संक्रान्ति

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ज्योतिषाचार्य पं. राजीव शर्मा
बालाजी ज्योतिष संस्थान, बरेली।