कोलकाता (एएनआई)। चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के प्रचार-प्रसार पर 24 घंटे के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। ममता बनर्जी पर प्रतिबंध 12 अप्रैल को रात 8 बजे से 13 अप्रैल को रात 8 बजे तक लगा है। इससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को कोलकाता में गांधी मूर्ति के समक्ष धरने पर बैठी हैं। धरने पर बैठकर वह पेंटिंग करके खुद को व्यस्त रख रही है। चुनाव आयोग ने सोमवार को ममता बनर्जी पर राज्य चुनावों में प्रचार करने पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगाया कि उन्होंने कानून- व्यवस्था के टूटने की गंभीर संभावना से भरी और उत्तेजक टिप्पणी की है। इससे चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हुई है। यह प्रतिबंध 17 अप्रैल को राज्य में पांचवें चरण के विधानसभा चुनावों से पहले लगाया गया है।


भड़काऊ बयान देने पर लगाया रोक
पोल पैनल ने अपने आदेश में राज्य भर में गंभीर कानून और व्यवस्था की समस्याओं के साथ उनके बयानों की निंदा की और उन्हें कड़ी चेतावनी दी। इसने उसे आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान सार्वजनिक बयानबाजी करते समय ऐसे बयानों का उपयोग करने से रोकने की सलाह दी। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने चुनाव आयोग के कदम को 'लोकतंत्र के लिए काला दिन' कहा है। यह भारतीय लोकतंत्र में आज एक काला दिन है। इसके अलावा ओ ब्रायन ने ट्वीट किया कि वे हमें नहीं हरा सकते, इसलिए उन्होंने हमें प्रतिबंधित कर दिया। वहीं चुनाव आयोग 'अत्यधिक समझौता' के लिए खड़ा है।
कई नेताओं ने भी जताया विरोध
विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी ममता बनर्जी पर 24 घंटे के चुनाव प्रचार से प्रतिबंध लगाने के ईसी के कदम के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे और कांग्रेस नेता अभिजीत बनर्जी ने कहा, ममता बनर्जी को भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के नफरत भरे भाषणों की अनदेखी करते हुए अगले 24 घंटों के लिए प्रचार करने से रोक देना पक्षपात के अलावा और कुछ नहीं है। बनर्जी ने आगे सवाल किया कि क्या चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और भाजपा के बीच कोई समझौता हुआ है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक ने भी चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना की।

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