- मामला मगध यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रेशन नंबर का

- जॉब के दौरान वेरिफिकेशन के लिए रजिस्ट्रेशन नंबर अनिवार्य

PATNA :

मगध यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के इसके एफिलिएटेड कॉलेज से पास तो हो गए हैं लेकिन तीन-चार बीतने के बाद भी उन्हें यूनिवर्सिटी से रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं दिया गया है। इस कारण उनके लिए जॉब पाना कठिन हो रहा है। हद तो यह है कि वर्ष 2016 से अब तक लाखों छात्रों को रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं दिया गया है। जबकि इस बारे में कई कॉलेजों ने आवेदन भी किया है। इसे लेकर आगे की पढ़ाई करने वालों को भी परेशानी आ रही है। पीएचडी के छात्र भी इसे लेकर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इन दिनों इस समस्या को लेकर पटना के छात्र इसलिए भी ज्यादा परेशान हैं कि यहां से एमयू का ब्रांच ऑफिस हटा लिया गया है। अब छात्र न तो यहां से कोई क्वेरी कर सकते हैं और न ही इसके लिए आवेदन ही कर सकते हैं।

पुराना मामला लेकिन सुनवाई नहीं

एमयू के छात्र 2016 से ही रजिस्ट्रेशन नंबर की मांग कर रहे हैं। लेकिन यह कॉलेज में नहीं दिया जा रहा है। छात्रों का कहना है कि इसे लेकर एमयू के कर्मचारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। क्योंकि यदि कॉलेज वाइज रजिस्ट्रेशन नंबर संबंधित छात्रों को भेज दिया जाता तो यह समस्या ही समाप्त हो जाती। ए एन कॉलेज के छात्र नेता सोनू सिंह का कहना है कि यह सीधे तौर पर एमयू के स्टाफ की मनमानी है। इसे छात्रों से आर्थिक दोहन का भी जरिया बनाया जा रहा है।

ब्रांच ऑफिस हटने से मुश्किल

दरअसल, हर सत्र में हर डिपार्टमेंट से कुछ छात्र अबसेंट हैं, फेल हैं, नहीं तो रिजल्ट ही पेंडिंग में डाल दिया गया है। पटना में एमयू के छात्र शुभम कुमार का कहना है कि जब तक एमयू का ब्रांच ऑफिस पटना में कार्यरत था तब यह संभावना बनी रहती थी कि वे रिजल्ट को सही कर सकें। लेकिन लेकिन अब तो यह भी नहीं हो रहा है। इसके कारण यह समस्या और जटिल हो गई है। छात्र रणधीर कुमार का कहना है कि कॉलेजों के प्रिंसिपल को सामूहिक रुप से एमयू के वीसी के समक्ष यह समस्या उठानी चाहिए। ताकि इसका समाधान निकाल सके।

जॉब से रह गए वंचित

प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले ऐसे कई छात्र हैं जिनकी तैयारी के बाद वे मेरिट लिस्ट में जगह बनाने में सफल रहे लेकिन रजिस्ट्रेशन का मामला अटक जाने से वे जॉब के लिए चयनित होने से चूक गए। एमयू के छात्र चंदन कुमार का कहना है कि आज की परिस्थिति में यह समस्या होनी ही नहीं चाहिए थी। लेकिन लगातार यूनिवर्सिटी का ढीला-ढाला रवैया रहता था, इस वजह से आज भी यह समस्या जस की तस है।

जहां भी सर्टिफिकेशन वेरीफिकेशन की बात हो वहां रजिस्ट्रेशन नंबर मांगा जाता है। एमयू की लापरवाही छात्रों पर भारी पड़ रही है।

- राणा अमित कुमार, सत्र 2017-20

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पटना में जो छात्र है उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए एमयू का चक्कर लगाना पड़ रहा है। छात्र पढ़ाई छोड़ और क्या करें।

- रणवीर पटेल, सत्र 2016-18

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मगध यूनिवर्सिटी से पढ़ने के बाद भी इसके रजिस्ट्रेशन का पीछा नहीं छूट रहा। इसके कारण लाखों छात्र जॉब के मामले पर परेशान हैं।

- रंजन कुमार, सत्र 2017-20

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स्टूडेंट यदि समय से अप्लाई कर दें तो रजिस्ट्रेशन की समस्या ही नहीं होगी। उन्हें एमयू आकर अपनी समस्या बतानी होगी। तब इसका हल होगा।

- प्रो। आरपीएस चौहान, डीएसडब्ल्यू, एमयू

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