खबरों की मानें तो किरन रिजिजू का ये बयान केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के उस बयान का जवाब है जिसमें उन्होंने गोमांस खाने वाले को पाकिस्तान जाने को कहा था. हालांकि, गोमांस खाने वालों को पाकिस्तान जाने की नसीहत वाले नकवी के बयान से मोदी सरकार भी सहमत नहीं है. वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले ही कह चुके हैं कि ये सरकार का रुख नहीं है बल्कि मुख्तार अब्बास नकवी के निजी विचार हैं. रिजिजू के अनुसार, नकवी का बयान बिना किसी आधार का था. रिजिजू ने कहा कि मैं अरुणाचल प्रदेश से हूं और बीफ खाता हूं. क्या कोई मुझे रोक सकता है? इसलिए हमें किसी की आदतों के बारे में नहीं बोलना चाहिए.

उन्होंने कहा कि हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं, कभी-कभी कुछ ऐसे बयान दिए जाते हैं जिनका कोई आधार नहीं होता. यदि कोई मीजो ईसाई कहता है कि यह धरती जीसस की है, तो पंजाब या हरियाणा में रहने वाले किसी व्यक्ति को दिक्कत क्यों होगी? हम हर जगह और हर किसी की भावनाओं का सम्मान करते हैं.

रिजिजू ने आगे कहा कि यदि महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में हिंदू बहुमत में हैं और यदि वे हिंदू विश्वास को मानने वाले कानून बनाते हैं तो उन्हें बनाने दो, लेकिन जिन राज्यों में हम बहुमत में हैं, जहां हम रहते हैं तो हमें वो करने दीजिये, जो हम चाहते हैं. इसलिए किसी को इस बात से परेशानी नहीं होनी चाहिए कि हम किस तरह रहते हैं और क्या खाते हैं?

क्या है नकवी का बयान

मुख्तार अब्बास नकवी ने पिछले शुक्रवार को एक बयान में कहा था कि अगर कुछ लोग बीफ खाने के लिए मरे जा रहे हैं तो यहां उन्हें यह नहीं मिलेगा. वे पाकिस्तान या किसी अरब देश में या दुनिया के अन्य किसी भी हिस्से में जहां यह मिलता हो, वहां जाकर बीफ खा सकते हैं. इस पर उसी समय से विवाद चल रहा है.

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