- हथियार से लैस हमलावरों ने त्रिर्मूति होंडा एजेंसी के एजेंट पर किया हमला

-दलाली के चक्कर में दिनदहाड़े हुई यह वारदात

GORAKHPUR: आरटीओ किस तरह दलाली का अड्डा बन चुका है, इसकी बानगी थर्सडे को देखने को मिली। जब दो एजेंट आपस में भिड़ गए। हाथियारों से लैस बदमाशों ने आरटीओ दफ्तर में घुसकर एक दुपहिया एजेंसी के एजेंट को बुरी तरह पीटा और उसे लहूलुहान कर दिया। घायल को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। घायल शशी प्रकाश दुबे ने बताया कि जिन लोगों ने उस पर हमला किया था, वे पहले उसी एजेंसी में काम करते थे, जिसमें वह करता है। कैंट पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपियों की तलाश कर रही है।

मारकर कर दिया लहूलुहान

थर्सडे की दोपहर करीब ख्.फ्0 बजे आरटीओ ऑफिस में त्रिमूर्ति होंडा एजेंसी का एजेंट शशी प्रकाश दुबे (फ्ख्) गाडि़यों का रजिस्ट्रेशन कराने आया था। वह एआरटीओ ऑफिस में घुसा ही था कि हमलावर सिंटू मिश्रा, मार्कण्डेय मिश्रा व उसके कुछ साथियों ने मिलकर उस पर कट्टे की बट से हमला कर दिया। शशी अपने को बचाने का प्रयास किया और भागने लगा, लेकिन हमलावरों ने उसे दौड़ाकर रॉड व ईंट से पीटा और लहूलुहान कर दिया।

हमले की क्या थी वजह

घायल शशी प्रकाश ने बताया कि त्रिमूति होंडा एजेंसी में वह एजेंट है। एजेंसी के व्हीकल्स के रजिस्ट्रेशन के लिए वह रोजाना आरटीओ ऑफिस आता है। शशी ने बताया कि हमलावर सिंटू मिश्रा भी तीन-चार महीने पहले त्रिमूर्ति होंडा एजेंसी में एजेंट का काम करता था, लेकिन उसे वहां से हेराफेरी करने के आरोप में निकाल दिया गया था। इस मामले की जांच आरटीओ ऑफिस के अधिकारी कर रहे थे। इस बीच थर्सडे की दोपहर सिंटू ने अपने साथियों के साथ शशी पर हमला कर दिया। सोर्सेज की मानें तो शशी और सिंटू में दलाली को लेकर एक दूसरे में होड़ मची थी। चूंकि सिंटू को हटाने के बाद शशी एजेंसी का काम देख रहा था और वही रजिस्ट्रेशन कराता था, इसलिए दोनों के हित टकरा रहे थे। मामला दोनों में दलाली कमाने को लेकर भी हो सकता है।

आरटीओ दफ्तर में दलालों का कब्जा

डीएल बनवाने और गाडि़यों के रजिस्ट्रेशन के लिए आरटीओ कैंपस में करीब एक हजार से ज्यादा दलालों का कब्जा है। इस बात को आरटीओ ने भी स्वीकारा है। कोई ऐसा दिन नहींजाता है जब डीएल बनवाने के नाम पर दलालों द्वारा रुपए एंठने का केस न आता हो। इस मामले में हालांकि इस मामले में को जिला प्रशासन से कई बार कार्रवाई की मांग करने के बाद भी कोई कुछ नहीं करता।

क्या कहते हैं आरटीओ?

आरटीओ मो। अंसारी ने बताया कि जहां यह घटना हुई है वह उनके एरिया में नहीं आता है। इसलिए यह कहना है कि दलाल आपस में लड़ रहे हैं तो इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन इन पर कारवाई करेगी। यहां तो कोई ऐसा दिन नहीं होता है कि दलाल आपस में न लड़ते झगड़ते हों। इसके लिए जब तक तक जिला प्रशासन हमें अलग डिपार्टमेंट नहीं बनाएगी। तब तक इस तरह की समस्या आती रहेगी।

वर्जन

आरटीओ कैंपस में हुए मारपीट के मामले में घायल एजेंट की तरफ से मारपीट का केस रजिस्टर्ड किया गया है।

अंजनी कुमार राय, कैंट प्रभारी, गोरखपुर