- रिटायरमेंट के बावजूद प्रिंसिपल ने मांगा है एक्टेंशन

- हाईकोर्ट से मिल रही तारीख पर तारीख

DEHRADUN: रिटायरमेंट के बावजूद एमकेपी कॉलेज प्रिंसिपल का कार्यभार देख रही डॉ। इंदु सिंह को एक साल के एक्सटेंशन की याचिका पर हाईकोर्ट से एक और तारीख मिली गई है। हाईकोर्ट से कोई फैसला आने तक डॉ। इंदु प्रिंसिपल के पद पर बनी रहेंगी। कोई फैसला न आने के कारण फिलहाल न तो एमकेपी कॉलेज के प्राध्यापकों और कर्मचारियों को सैलरी मिल पा रही है और न ही कॉलेज में पढ़ाई शुरू हो पाई है।

ये है पूरा मामला

कॉलेज की प्रिंसिपल और मैनेजमेंट कमेटी के विवाद के बीच राज्य सरकार की ओर से क्0 जुलाई ख्0क्फ् को एमकेपी के प्रबंधन की जिम्मेदारी डीएम को सौंपी गई थी। डॉ। इंदु सिंह बीते क्9 अक्टूबर को रिटायर हुई तो उन्होंने शिक्षण सत्र का हवाला देकर डीएम से एक साल का एक्सटेंशन मांगा। डीएम ने इंकार कर दिया तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। हाईकोर्ट का फैसला आने तक अब मामला अटका हुआ है।

हाईकोर्ट से तारीख पर तारीख

हाईकोर्ट से डॉ। इंदु सिंह के मसले पर सुनवाई के लिए तारीख पर तारीख मिलती जा रही हैं। पहले सुनवाई के लिए ख् नवम्बर की तिथि तय की गई, उस दिन उनके केस का हेयरिंग सीरियल क् था। ख् नवम्बर को क्फ् नवम्बर की तारीख मिली और हेयरिंग सीरियल मिला फ्ख्। इस दिन यानी क्फ् अक्टूबर को एक बार फिर ख्0 नवम्बर की तारीख मिली और हेयरिंग सीरियल ब्ख् मिला। ख्0 नवम्बर को ख्ख् नवम्बर की तारीख और हेयरिंग सीरियल म्ख् मिला। ख्ख् को एक बार फिर ख्7 नवम्बर की तारीख और हेयरिंग सीरियल 7ख् मिला। डेट और हेयरिंग सीरियल बढ़ने से इस मामले में फैसला आने में लगातार देर हो रही है, इससे कॉलेज में अव्यवस्था बनी हुई है।

स्टाफ को सैलरी तक नहीं

कॉलेज के प्राध्यापकों और कर्मचारियों की सैलरी भी फंस गई है। खास बात यह है कि प्रिंसिपल ने अक्टूबर महीने के वेतन बिल अपने हस्ताक्षर से ही निदेशक उच्च शिक्षा को भेज दिया। इस बिल में उन्होंने अपना वेतन क्9 अक्टूबर तक का ही बनाया है, जबकि अन्य कर्मचारियों का वेतन फ्क् अक्टूबर तक बना दिया है। इस पर निदेशक उच्च शिक्षा ने ऐतराज किया है और कहा है कि क्9 अक्टूबर को सेवानिवृत्ति के बाद प्रिंसिपल को फ्क् अक्टूबर तक के वेतन बिल पर हस्ताक्षर करने का अधिकार नहीं है।

शासन के आदेश की प्रतीक्षा

इस मामले में सबसे बड़ा अडं़गा कॉलेज का प्रबंधन, सोसायटी को सौंपने का है। जिला प्रशासन शासन के आदेश का इंतजार कर रहा है। क्योंकि प्रबंधन सोसायटी को सौंपने के मामले में कोर्ट का स्टे नहीं है और न्याय विभाग कह चुका है कि कॉलेज को एमकेपी सोसायटी को सौंपने में कोई परेशानी नहीं है।

सचिव बोले, फैसले का इंतजार

इस बारे में पूछे जाने पर अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा डॉ। रणवीर सिंह का कहना है कि कॉलेज का प्रबंधन फैसला आने के बाद ही सोसायटी को सौंपा जाएगा, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वे किस फैसले की बात कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कॉलेज का नियंत्रण डीएम के पास है। वेतन आदि के मसले उन्हीं को निपटाने हैं।