पूरी दुनिया देखेगी ताकत
पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को INS कोलकाता को राष्ट्र को समर्पित किया. इससे पहले मुंबई के नेवल बेस पहुंचने पर पीएम को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. हालांकि इस मौके पर महाराष्ट्र के गवर्नर, राज्य के सीएम पृथ्वीराज चव्हाण, डिफेंस मिनिस्टर अरुण जेटली, नेवी चीफ एडमिरल आर.के धवन समेत कई अन्य अधिकारी भी मौजूद थे. एडमिरल धवन ने अपने स्वागत भाषण में उम्मीद जताई कि इस पोत के कमांडर इस पोत का संचालन पूरी निष्ठा के साथ निभाएंगे और देश और इंडियन नेवी का नाम पूरे विश्व में रोशन करेंगे.

सबसे बड़ा युद्धपोत, नेवी बनेगी स्मार्ट
स्वदेशी तकनीक से निर्मित देश का यह सबसे बड़ा युद्धपोत है. इस पोत को नौसेना के पश्चिमी बेड़े को समर्पित किया जाएगा. रडार की पकड़ में नहीं आने वाले 6,800 टन वजनी कोलकाता श्रेणी के इस युद्धपोत का डिजाइन इंडियन नेवी के डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है. आपको बता दें कि मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) ने इसके निर्माण का काम सितंबर, 2003 में शुरू किया था. यह अपनी श्रेणी का पहला युद्धपोत है. इंडिया की इसी तरह के दो अन्य युद्धपोत बनाने की योजना है. इस जंगी पोत में अत्याधुनिक हथियार प्रणालियां लगाई गई हैं, जिसमें पनडुब्बी रोधी प्रौद्योगिकी भी शामिल है. इस युद्धपोत में सतह से सतह पर मार करने वाली अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइलें, रॉकेट लांचर, टॉरपीडो ट्यूब लांचर, सोनार हमसा, ईडब्ल्यूएस एलोरा व एके-630 बंदूकें मौजूद हैं, जो समुद्री व हवाई हमले के दौरान दुश्मन के दांत खंट्टे करने में सक्षम हैं.

रु्फ्तार में आयेगी  तेजी
अगर हम INS कोलकाता की रफ्तार की बात करें तो यह 30 नॉटिकल मील प्रति घंटा होगी. यह नेवी के दो सी विंग हेलीकॉप्टर अपने साथ ले जाने की क्षमता वाला पोत है. इसके अलावा इसमें ऊर्जा आपूर्ति के लिये 4 गैस टर्बाइन जेनरेटर लगे हैं, जो कम से कम किसी छोटे मोटे शरि को रोशनी उपलब्ध करा सकता है. इसके साथ ही इसमें सतह से सतह पर मार करने वाली अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइलें, रॉकेट लांचर, टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर, सोनार हुमसा, EWS एलोरा और एके-360 बंदूकें शामिल हैं. पोत का नामकरण वेस्ट बंगाल की राजधानी कोलकाता के नाम पर किया गया है, जो ईस्ट इंडिया का सबसे बड़ा महानगर है.  

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