नई दिल्ली (एएनआई)। अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 30 से अधिक राज्यों के वक्फ बोर्डों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रमजान और लाॅकडाउन बातचीत की। रमजान का महीना 24 अप्रैल से शुरू होगा। इस दाैराउ उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे कोरोना वायरस फैलने के मद्देनजर रमजान के पवित्र महीने के दौरान लॉकडाउन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। देश भर में सात लाख से अधिक पंजीकृत मस्जिद, ईदगाह, इमामबाड़ा, दरगाह और अन्य धार्मिक, सामाजिक संस्थाएं इन वक्फ बोर्डों के अंतर्गत आती हैं। नकवी ने कहा, हमें लोगों के बीच जागरूकता पैदा करके क्वाॅरंटीन और आइसोलेशन सेंटर्स के बारे में फैलाई जा रही अफवाहों और गलत सूचनाओं को भी खत्म करना चाहिए। ये सेंटर केवल लोगों, उनके परिवारों और समाज को कोरोना वायरस महामारी से बचाने के लिए हैं।"

देश के धार्मिक स्थलों को भी बंद कर दिया गया

नकवी ने राज्य वक्फ बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे रमजान के दौरान अपने घर के अंदर रहकर नमाज अदा करने और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करें। उन्होंने कहा, अधिकारी बिना किसी भेदभाव के देश के सभी नागरिकों की सुरक्षा और भलाई के लिए काम कर रहे हैं। इस तरह की अफवाहें और साजिशें कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने के लिए हैं। कोरोना वायरस की चुनौतियों को देखते हुए, सभी मंदिरों, गुरुद्वारों, चर्चों और देश के अन्य धार्मिक और सामाजिक स्थानों पर सभी धार्मिक-सामाजिक गतिविधियों और सामूहिक सभाओं को रोक दिया गया है। देश के धार्मिक स्थलों को भी बंद कर दिया गया है। इसी तरह सभी मस्जिदों में किसी भी तरह की सामूहिक भीड़ न इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

घरों पर तरावीह की नमाज अदा करने की अपील

वहीं हैदराबाद में इस्लामिक विचारों के सभी स्कूलों के उलेमाओं और मुफ्ती ने मुस्लिम समुदाय से रमजान के पवित्र महीने के दौरान मस्जिदों में जाने की बजाय अपने घरों पर तरावीह की नमाज अदा करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी महामारी को रोकने के लिए देश में इस समय लाॅकडाउन लागू है। सभी को इसका कड़ाई से पालन करना चाहिए। जामिया निज़ामिया के एक प्रेस नोट के अनुसार उलेमाओं और मुफ्ती ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से इफ्तार पार्टियों की मेजबानी नहीं करने का आग्रह किया है। उन्होंने यह भी अपील की कि इफ्तार के बजाय वे बचाए गए धन को समाज के वंचित वर्ग को दान करें। इससे पहले सोमवार को, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने भी एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें मुसलमानों को रमजान के पवित्र महीने के दौरान लॉकडाउन नियमों का पालन करने के लिए कहा गया था।

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