देर रात 4 सिपहियों ने मुकेश को उसके घर से उठाया

कन्नागी नगर थोरियापक्कम निवासी नाबालिग की मां सुमति ने बताया कि 11 मार्च को देर रात 11 बजे चार पुलिस वाले उसके घर में घुसे और मेरे बड़े बेटे मुकेश के बारे में पूछा। पुलिस वालों ने कहा कि अपने बेटे को हम लोगों के साथ भेज दो। सुमति ने जब पुलिस वालों से बेटे मुकेश को ले जाने का कारण पूछा तो उन्होंने कुछ भी बताने से मना कर दिया। पुलिस वालों ने मेरे पति को भी पीटा। जब सुमति ने उनसे पूछा कि वह लोग मुकेश को कहां ले जा रहे हैं तो उन्होंने मेलापोर पुलिस स्टेशन बताया।

परजिनों ने 3 थानों में ढूंढा पर नहीं मिला मुकेश

सुमति ने बताया पुलिस वालों के ले जाने के बाद रात 11 बजे से 1 बजे तक मुकेश के परिजनों ने अभिरमीपुरम थाने मेलापोर थाने और वेलाचेरी थाने में ढूंढा लेकिन मुकेश उन्हें नहीं मिला। 1 बजे मेरे छोटे बेटे विगनेस ने बताया कि मुकेश घर वापस आ गया है लेकिन उसके शारीर पर कई जगह चोटें लगी हैं। वह गंभीर रूप से घायल है। मुकेश ने बताया कि पुलिस वालों ने उसके हाथ पीछे कर के बांध दिए थे। मुकेश ने बताया कि जब वो लोग उसे लेजा रहे थे तो उनकी बातों से लगा कि वो उसे वेलाचेरी रेलवे ट्रेक के पास ले गए थे। अचानक उनके पास एक कॉल आया जिसमें उनके द्वारा गलत आदमी को उठाने की बात कही गई लेकिन इसके बाद भी वो लोग उसके सिर पैर हाथ औ पीठ पर मारते रहे। उन्होंने ये भी कहा कि अब इसको मार दो पर मुकेश के जान की भीख मांगने पर उन्होंने उसे छोड़ दिया। पुलिस वालों ने उसे एसआरपी टूल्स के पास छोड़ा। उसके हाथ में दस रुपये दिए और घर लौटने को कहा। उन्होंने यह धमकी भी दी कि जो कुछ हुआ है वह किसी को ना बताएं। अगर उसने किसी को कुछ भी बताया तो उसकी मां और बहन को मार देगें।

अस्पताल में चल रहा है मुकेश का इलाज

मुकेश एक गरीब परिवार से है। कक्षा 7 में अर्थिक स्थिती ठीक ना होने के चलते मुकेश को अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। उसका परिवार कन्नगी नगर के थोरियापक्कम इलाके में एक कमरे में रहता है। मुकेश उसका भाई विगनेश और दिहाड़ी पर मजदूरी किया करते हैं। मुकेश को गंभीर हालत में देख परिजन उसे रोयापीठ सरकारी अस्पताल ले गए। सुबह 4 बजे मुकेश को अस्पताल से छुट्टी मिली। सुमति ने बताया कि डॉक्टरों का कहना हैं कि चार लोगों ने मिलकर मुकेश को मारा है। डॉक्टर ने रिपोर्ट में उन चारों को पुलिस वाला नहीं बताया है। डॉक्टर ने उन्हें सीटी स्कैन और एक्सरे की रिपोटर्स भी  नहीं दी। मुकेश इस समय सोलीनगानल्लूर के पास स्थित एक सरकारी अस्पताल में है।उसके सिर औश्र हाथों पर अभी भी सूजन बरकरार है। उसके हाथ की एक उंगली बुरी तरह जख्मी हुई है। मुकेश अभी ठीक से बोल भी नहीं पा रहा है। सुमति ने कहा कि मेरे बेटे के साथ ऐसा क्यूं हुआ। उसने तो कुछ गलत भी नहीं किया था।

National News inextlive from India News Desk