यह भी जानें
11 जगहों पर शहर में लगाया जाएगा प्लांट
15 दिन की ट्रेनिंग खाद बनाने के लिए दी जाएगी
100 टन कूड़ा शहर से निकलता है डेली
- छत्तीसगढ़ की तर्ज पर बरेली के साथ पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी व्यवस्था
- एनयूएलएम यानि नेशनल अर्बन लिवलिहुड के तहत महिला समूह की मदद शहर में उठाया जाएगा कूड़ा
बरेली : शहर में कूड़ा निस्तारण एक विकराल समस्या बनी हुई है. कूड़ा निस्तारण के लिए उपाए अभी तक फेल होते आए हैं. अभी हाल ही स्वच्छ सर्वेक्षण में नगर निगम की 117वीं रैंक आई थी. वहीं छत्तीसगढ़ की इसमें दूसरी रैंक आई थी. छत्तीसगढ़ की तर्ज पर ही अब शहर में नगर निगम भी साफ-सफाई करेगा और शहर से कूड़ा उठवाएगा. सनडे को लखनऊ में स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर एक बैठक हुई, जिसमें एनयूएलएम यानि नेशनल अर्बन लिवलिहुड मिशन को लागू करने का निर्णय लिया गया. इसके तहत मलिन बस्तियों में बने महिला समूहों में काम करने वाली महिलाओं को सफाई अभियान से जोड़ा जाएगा.मई के अंत तक यह योजना बरेली के साथ ही पूरे प्रदेश लागू हो जाएगी.
ऐसे होगा काम
एनयूएलएम यानि नेशनल अर्बन लिवलिहुड के तहत नगर निगम मलिन बस्तियों में बने समूहों को अब सफाई अभियान से जोड़ेगा. निगम इन समूहों की महिलाओं को लेकर टीमें बनाएगा. यह टीमें घर-घर जाकर कूड़ा कलेक्ट करेंगी और उस कूड़े को प्लांट तक पहुंचाएंगी. प्लांट में इस कूड़े से कंपोस्ट खाद बनाई जाएगी, फिर इस खाद को मार्केट में बेचा जाएगा. खाद से होने वाली कमाई से ही महिला समूहों को मानदेय भी दिया जाएगा.
11 जगहों पर लगेगा प्लांट
शहर में योजना के अंतर्गत कूड़े से कंपोस्ट खाद बनाने के लिए 11 जगहों पर प्लांट लगाया जाएगा. नगर निगम ने इन स्थानों को चुन लिया है. चुनाव खत्म होने के बाद निगम प्लांट लगाने का काम शुरू कर देगा.
महिला समूह की हेल्प लेगा निगम
शहर में कई मलिन बस्तियां हैं, जहां पर महिला समूह बने हुए हैं. यह महिलाएं कई एनजीओ से जुड़कर समाज सेवा भी करतीं हैं. नगर निगम इन एनजीओ और मलिन बस्तियों में महिला समूह से करार कर सफाई योजना से जोड़ेगा. साथ ही इसके लिए निगम उन्हें मानदेय भी देगा.
पहले दी जाएगी ट्रेनिंग
चुनाव संपन्न होने के बाद निगम इन महिलाओं से संपर्क कर उसे सफाई अभियान से जोड़ेगा. इसके बाद उनसे करार कर टीमें बनाई जाएंगी, जिसके बाद उन्हें 15 दिनों की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसमें वह कंपोस्ट खाद बनाने का तरीका सीखेंगी.
निगम का बढ़ेगा राजस्व
महिलाओं की टीमें घरों से कूड़ा कलेक्ट कर प्लांट के माध्यम से कंपोस्ट खाद बनाएंगी. कृषि विभाग और कृषि कारोबारियों से संपर्क कर खाद को बेचा जाएगा, जिससे होने वाली अर्निग से ही महिलाओं को मानदेय दिया जाएगा. वहीं जिन घरों से कूड़ा कलेक्ट होगा, वहां से वसूला गया यूजर चार्ज निगम के खाते में जाएगा.
छत्तीसगढ़ की तर्ज पर होगा काम
हाल ही में आई स्वच्छ सर्वेक्षण रिपोर्ट में प्रदेश में दूसरा स्थान पाने वाले छत्तीसगढ़ में यह योजना लंबे समय से चल रही है. इस योजना से जुड़ने वाली महिलाओं को दीदी का नाम दिया है. बैठक में इस सराहना भी मिली, जिसके बाद ही इसको पूरे प्रदेश में लागू करने का आदेश दिया गया.
छत्तीसगढ़ की तर्ज पर इस योजना को शुरु किया जा रहा है. हालांकि हमारी रैंकिंग में भी सुधार हुआ है. इस योजना के जरिए हम स्मार्ट शहरों की फेहरिस्त में शामिल हो सकेंगे.
सैमुअल पॉल एन, नगर आयुक्त.
मीटिंग में इस योजना को काफी सराहना मिली थी, जिसके बाद इसको पूरे प्रदेश में लागू करने का आदेश मिला है. यहां भी कार्य योजना तैयार कर ली गई है. मई के अंत तक योजना शुरू कर दी जाएगी.
संजीव प्रधान, पर्यावरण अभियंता.