नई दिल्ली (पीटीआई)। केरल में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट देने वाली एक लड़की ने आरोप लगाया कि, सेंटर पर चेंकिंग के दौरान उससे इनरवियर उतारने को कहा गया। इसको लेकर लड़की ने शिकायत भी दर्ज कराई। मामला बड़ा होते देख इसकी जांच-पड़ताल की गई और अब परीक्षा केंद्र के अधीक्षक ने लड़की के आरोपों को नकार दिया। स्कूल ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को बताया कि लड़की ने जो पुलिस शिकायत दर्ज कराई है वह झूठी है और इसे "गलत इरादों" के साथ दायर किया गया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के अधिकारियों के मुताबिक उन्हें इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है।

लड़की के पिता ने दर्ज कराई शिकायत
केरल के कोल्लम जिले में एक 17 वर्षीय लड़की के पिता, जिन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने एक टीवी चैनल को बताया कि उसकी बेटी ने एनईईटी बुलेटिन में उल्लिखित ड्रेस कोड का पालन किया था। इनरवियर के बारे में कुछ भी नहीं बताया और उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति देने के लिए इसे हटाने के लिए कहा गया। हालांकि इस संबंध में एनटीए को कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है।

एनटीए को नहीं है जानकारी
एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमें कोई शिकायत नहीं मिली है। मीडिया रिपोर्टों में दावों के आधार पर, केंद्र अधीक्षक और पर्यवेक्षक से तत्काल रिपोर्ट मांगी गई थी। उन्होंने सूचित किया है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है और शिकायत फर्जी है और गलत इरादे से दर्ज की गई है।" एनईईटी ड्रेस कोड उम्मीदवार के माता-पिता द्वारा आरोपित ऐसी किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं देता है। अधिकारी ने कहा कि कोड उम्मीदवारों की तलाशी के दौरान लिंग, संस्कृति और धर्म के प्रति संवेदनशीलता को देखते हुए परीक्षा की पवित्रता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने का प्रावधान करता है।

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