काठमांडू (आईएएनएस)। नेपाल में यति एयरलाइंस के विमान हादसे में 44 साल की मंजू खातीवाड़ की भी मौत हो गई। मंजू विमान की को-पायलट थीं। मंजू के पति की भी साल 2006 में एक ऐसे ही विमान हादसे में जान चली गई थी। नेपाली अखबार कांतिपुर के मुताअिक, मंजू के पायलट पति दीपक की मृत्यु के बाद, उनके पिता, गोविंदा उन्हें नर्सिंग कोर्स के लिए भारत भेजने की योजना बना रहे थे, लेकिन मंजू ने इससे इनकार कर दिया और पायलट कोर्स करने के लिए अमेरिका चली गईं। कुछ और उड़ान भरने के बाद उन्‍हें पायलट के पद पर प्रमोट किया जाना था। पायलट बनने के लिए कम से कम 100 घंटे की उड़ान का अनुभव होना चाहिए। मंजू इससे पहले नेपाल के लगभग सभी हवाईअड्डों पर सफलतापूर्वक फ्लाइट लैंड करा चुकी थी। एक और सफल लैंडिंग के बाद रविवार को उन्हें चीफ पायलट का लाइसेंस मिलने वाला था।

पति भी थे पायलट
मंजू को पायलट का लाइसेंस मिलता कि उससे पहले उनकी जान चली गई। इससे पहले उनके पति दीपक पोखरेल की मृत्यु तब हो गई थी, जब नेपालगंज से सुरखेत के रास्ते जुमला जाने वाले यति एयरलाइंस के 9N AEQ विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से छह यात्रियों और चालक दल के चार सदस्यों की मौत हो गई थी। पति की तरह मंजू की भी यति एयरलाइंस के विमान में जान चली गई। रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान को सीनियर कैप्टन कमल केसी चला रहे थे।

विमान में सवार सभी लोगों की गई जान
दुर्घटनाग्रस्त एटीआर-72 विमान ने रविवार सुबह 10.30 बजे काठमांडू से पोखरा के लिए उड़ान भरी थी और सुबह 10.50 बजे इसका हवाई यातायात नियंत्रण से संपर्क टूट गया। विमान में 68 यात्री और चालक दल के चार सदस्य सवार थे। उनमें से 15 विदेशी थे जिनमें पाँच भारतीय, चार रूसी, दो कोरियाई और ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, अर्जेंटीना और फ्रांस के एक-एक शामिल हैं। 72 में से कुल 68 शव सोमवार सुबह तक बरामद किए गए थे, जबकि बाकी चार शव मुख्य अभी तक नहीं मिले हैं।

National News inextlive from India News Desk