- संतोष ट्रॉफी खेलने जा रही यूपी टीम में शामिल हैं दोनों फुटबॉलर

pryagraj: संतोष ट्रॉफी के लिए यूपी की टीम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग रवाना हो चुकी है। टीम ने प्रयागराज के मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में 15 दिन जमकर प्रैक्टिस कर पसीना बहाया। टीम में प्रयागराज के दो होनहार प्लेयर्स गौरव और पवन ने भी जगह बनाई। टीम रवाना होने से पहले दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने दोनों प्लेयर्स से खास बातचीत की।

पवन कुमार

इकॉनोमिकली कमजोर बैकग्राउंड से आने वाले पवन के पिता की सदर चौराहा पर बारबर शॉप है। एक बार अंडर-14 में सेलेक्ट होने के बाद पैर में इंजरी होने से वे नेशनल खेलने से चूक गए थे। लेकिन पवन ने हार नहीं मानी और फैमिली के हालातों ने पवन को अपने लक्ष्य से डिगने नहीं दिया। अब पवन सीनियर कैटेगरी में नेशनल खेलने जा रहे हैं।

गौरव

गौरव 17 साल की एज में फुटबॉलर हैं लेकिन वो एक डॉक्टर भी बनना चाहते हैं। मिडिल क्लास फैमिली से आने वाले गौरव के पिता की अल्लापुर सोहबतियाबाग में स्टेशनरी की दुकान है। घर में सबसे बड़े गौरव खेल के साथ-साथ पढ़ाई में भी अच्छा परफोर्म करते हैं। अंडर-19 में खेलने के बाद गौरव सीनियर टीम में भी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं।

सवाल- आप संतोष ट्रॉफी खेलने जा रहे हैं, कैसा फील कर रहे हैं?

पवन- काफी एक्साइटेड फील कर रहा हूं। मैं पहली बार नेशनल खेलने जा रहा हूं। ट्रेनिंग कैंप के बाद कॉन्फिडेंस और ज्यादा बढ़ गया है।

गौरव-मैं लास्ट ईयर भी अंडर-19 खेल चुका हूं। इसलिए कॉन्फिडेंट हूं। और एनर्जेटिक फील कर रहा हूं।

सवाल- आप कबसे फुटबॉल खेल रहे हैं?

पवन- मैं फुटबॉल 2008 से खेल रहा हूं। तब मेरी उम्र 14 वर्ष थी जब मैंने फुटबॉल खेलना शुरू किया।

गौरव- मैं 12 साल की उम्र से फुटबॉल खेल रहा हूं।

सवाल- इससे पहले आपने किन-किन टूर्नामेंट्स में पार्टिसिपेट किया है?

पवन- इससे पहले मेरा सेलेक्शन अंडर-14 में हुआ था लेकिन पैर इंजरी की वजह से पार्टिसिपेट नहीं कर सका। लेकिन आज मैं खुश हूं कि मैं सीनियर्स में नेशनल खेलने जा रहा हूं।

गौरव- लास्ट ईयर मैंने अंडर-19 खेला था। इसमें हमारी टीम लीग स्टेज से बाहर हो गई थी। सीबीएसई क्लस्टर में हमारी टीम खेलगांव पब्लिक स्कूल में जीती थी।

सवाल- आपके एजुकेशन का स्टेटस क्या है?

पवन- मैं इलाहाबाद स्टेट यूनिवर्सिटी से बीए कर रहा हूं। फुटबॉल के साथ-साथ पढ़ाई भी करता हूं।

गौरव- मैंने इंटरमीडिएट 83 परसेंट से पास किया है। मैं खेलने के साथ मेडिकल की भी तैयारी कर रहा हूं।

सवाल- कैंप में ट्रेनिंग का क्या शिड्यूल था?

पवन और गौरव - कैंप में सुबह 6 से 10 बजे तक और शाम को 3.30 से 6.45 तक ट्रेनिंग करते थे।

सवाल- ट्रेनिंग में क्या-क्या एक्सरसाइज करते थे?

पवन और गौरव - कैंप के दौरान वार्म-अप रनिंग, स्ट्रेंिचंग, फ्री किक, शूटिंग ये सब हमारी ट्रेनिंग के पार्ट थे। कोच शमीम सर ने हमें स्टेमिना लेवल बढ़ाने के ट्रिक भी बताए।

सवाल- कैंप के दौरान आप कहां रहते थे?

पवन और गौरव - दोनों फुटबॉलर ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान वह 15 दिनों तक स्टेडियम में ही रहे।