खुशबू ए आजादी प्रोग्राम में कई स्कूलों के स्टूडेंट्स ने दिखाई प्रतिभा

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PRAYAGRAJ: स्वतंत्रता आन्दोलन में अपने प्राणों का बलिदान करने वाले अमर शहीदों, सेनानियों को समर्पित संगीतमय कार्यक्रम 'खुशबू-ए-आजादी' का समापन बुधवार को देर शाम हुआ। एनसीजेडसीसी के ऑडिटोरियम में देशभक्ति के रस में डूबे लोकगीतों, लोकनृत्यों व लोक कथाओं पर आधारित बिहार के लोक कलाकारों की लोकनाट्य की प्रस्तुतियां हुई। स्वतंत्रता की 73वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दूसरे दिन की सांस्कृतिक संध्या के मुख्य अतिथि इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक डॉ सुनील गुप्ता रहे। लोकपर्व, लोकस्वर के अन्तर्गत आयोजित 'लोकगीत व सुगम संगीत' में बच्चों द्वारा देशभक्ति से ओत-प्रोत गीतों नृत्यों की प्रस्तुतियाँ हुई। जिसे लोगों ने खूब पसंद किया।

हिरनी-बिरनी लोककथा का लोकनाट्य शैली में प्रस्तुति

बुधवार को बिहार के नालन्दा जिले में 'गुरू शिष्य परम्परा' के अन्तर्गत चल रही लोकगाथा, लोकगीत के प्रतिभागी कलाकारों द्वारा 'हिरनी-बिरनी' लोककथा को लोकनाट्य शैली में प्रस्तुत किया गया। बिहार की आंचलिक लोकनाट्य शैली में मंचित इस लोकनाट्य को दर्शकों से भरपूर सराहना मिली। केन्द्र द्वारा युवाओं को अपनी लोक संस्कृति से जोड़ने हेतु देशभक्ति से प्रेरित लोक गीतों का आयोजन हुआ। इसमें प्रयागराज के आठ स्कूलों के बच्चों ने सहभागिता किया। बेथनी कान्वेन्ट स्कूल, बाल भवन, प्रयाग संगीत समिति, केद्रीय विद्यालय न्यू कैण्ट, महर्षि विद्या मंदिर, रेड ईगल पब्लिक स्कूल, स्वामी विवेकानन्द सीनियर सेकेंड्री स्कूल तथा पतंजलि ऋषिकुल शामिल थे। विविध विद्यालयों के बच्चों द्वारा देशभक्ति से भरे लोकगीतों-लोकनृत्यों की प्रस्तुतियों ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या को अत्यन्त मनोहारी बना दिया। प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल में सुश्री वर्षा मिश्रा, सुप्रिया सिंह रावत एवं पूर्णिमा शामिल थी।