नई दिल्ली (एएनआई)। देश को झकझोर देने वाले 2012 के निर्भया मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों की फांसी की सजा का समय मुकर्रर कर दिया है। एडिशनल सेशन जज सतीष कुमार अरोड़ा ने अपने आदेश में कहा कि इन्हें 22 जनवरी को तिहार जेल में फांसी दे देनी है। दोषियों के नाम मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता है।

मंगलवार को पूरी हुई सुनवाई
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में आज 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में पीड़िता के माता-पिता की ओर से दायर डेथ वारंट याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत कुछ ही देर में इस मामले में फैसला सुनाने वाली है। सुनवाई के दौरान जहां पीड़िता के माता-पिता ने गुजारिश की कि चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन को फांसी देने को लेकर डेथ वारंट जारी किया जाए। वहीं दोषियों के वकील कहा कि वह क्यूरेटिव पीटीशन दायर करने की प्रक्रिया में जुटे हैं।



दोषियों में से एक के पिता द्वारा दायर अर्जी खारिज

पीड़िता के माता-पिता ने इस मामले के चारों दोषियों को फांसी देने की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की और उनके खिलाफ डेथ वारंट जारी करने की भी मांग की थी। ऐसे में पटियाला हाउस कोर्ट ने 20 दिसंबर को पवन कुमार गुप्ता के पिता की अर्जी पर आदेश को आज तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। वहीं सोमवार को अदालत ने निर्भया दुष्कर्म मामले में मौत की सजा पाए दोषियों में से एक के पिता द्वारा दायर एक अर्जी को खारिज कर दिया। जिसमें एकमात्र गवाह की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया था। याचिका में कहा गया था कि लड़की के दोस्त ने अदालत में झूठी गवाही देने का अपराध किया है।


कमात्र चश्मदीद गवाह पीड़िता का दोस्ता था

23 वर्षीय निर्भया के साथ एकमात्र चश्मदीद गवाह उसका दोस्त था, जब 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में छह लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म करके उसकी हत्या कर दी थी। ऐसे में इस मामले पवन कुमार गुप्ता के अलावा, तीन अन्य - अक्षय, विनय, और मुकेश भी मामले में फांसी का सामना कर रहे हैं। चार दोषियों के अलावा, मुख्य अभियुक्त राम सिंह ने मामले की सुनवाई के दौरान कथित ताैर पर तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। इस मामले का एक अन्य आरोपी किशोर को किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था। उसे तीन साल तक सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था।

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