कानपुर। Nirbhaya Case देश को झकझोर कर रख देने वाले 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में अब दोषी पवन ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्वीट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में आज दोषी पवन कुमार की विशेष अवकाश याचिका (एसएलपी) पर सुनवाई होगी। पवन का दावा है कि जिस समय उसने यह अपराध किया था उस समय वह नाबालिग था और दिल्ली हाई कोर्ट ने उसके इस तथ्य की अनदेखी की है।


रिव्यू पिटीशन भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी

वहीं पवन की इस याचिका को लेकर पीड़िता की मां आशा देवी का कहना है कि यह सब फांसी को टालने के तरीका है। पवन की याचिका 2013 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दी गई थी। रिव्यू पिटीशन भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। वह सिर्फ समय बर्बाद करने के लिए ऐसा कर रहा है लेकिन अदालत को इस पर ध्यान देना चाहिए। आशा देवी कहा कहना है कि मामले किे सभी दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे ही फांसी दी जानी चाहिए।


हाई कोर्ट के 19 दिसंबर के आदेश को चुनौती दी
दोषी पवन गुप्ता ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के 19 दिसंबर के आदेश को चुनौती दी है जिसमें कोर्ट ने फर्जी दस्तावेज जमा करने और अदालत में हाजिर नहीं होने के लिए उनके वकील वकील एपी सिंह को काफी फटकार भी लगाई थी। कोर्ट द्वारा बार-बार संदेश भेजने के बावजूद दोषी के वकील एपी सिंह अदालत में पेश नहीं हुए थे। इसके अलावा दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली बार कौंसिल से उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है।

6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म कर बस से फेंका था
बता दें कि इसके पहले दिल्ली की कोर्ट ने 7 जनवरी को दोषी विनय शर्मा (26), मुकेश कुमार (32), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी का डेथ वारंट जारीकिया था। हालांकि क्यूरेटिव और मर्सी पिटीशन की वजह से यह टल गई। बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा संग 6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म कर चलती बस से बाहर फेंक दिया था

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