- आटो से लेकर बस तक में सामान की ठूंसी जा रही सवारियां

- चालान के नाम पर कभी-कभार कोरम पूरा करती ट्रैफिक पुलिस

GORAKHPUR: शहर में ट्रैफिक नियमों का पालन कराने में जुटी ट्रैफिक पुलिस ओवरलोडिंग को भूल गई है। टेंपो लेकर बसों तक में सामान की तरह सवारियां ठूंस-ठूंसकर भरी जा रही हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में रोजाना जान जोखिम में डालकर लोग ट्रेवेल कर रहे हैं। एसपी ट्रैफिक ने कहा कि चेकिंग के दौरान वाहनों की ओवरलोडिंग पर डंडा चलता है। जल्द इसके लिए भी एक अभियान शुरू किया जाएगा।

टेंपो में बीच वाली सीट, बनती मुसीबत का सबब

शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए सबसे ज्यादा टेंपो चलते हैं। इनमें ज्यादातर टेंपों में ड्राइवर की मनमानी नजर आती हैं। हर स्टैंड पर खड़े होने वाले टेंपो में सवारियों को ठूंसकर भरा जाता है। अधिकतम पांच जगह 10-10 लोगों को टेंपो में बिठाया जाता है। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं और युवतियों को होती है। क्योंकि भीड़ अधिक होने पर अक्सर कोई न कोई उनके साथ ईव टीजिंग करता है। छह माह पूर्व महिलाओं की शिकायत पर टेंपो से बीच वाली सीट निकाली गई थी। लेकिन बाद में ट्रैफिक पुलिस की उदासीनता से आटो ड्राइवर ने बीच में सीट लगा दी।

बस में जमकर भरते सवारी, छतों पर लादते सामान

शहर से विभिन्न जगहों के लिए संचालित होने वाली प्राइवेट बसों की हालत भी दयनीय बनी रहती है। बसों में सीट के अनुपात में दो से ढाई गुनी सवारियां भरी जाती हैं। तमाम लोग खड़े-खड़े अपनी यात्रा पूरी करते हैं। बात यहीं तक खत्म हो जाती तो ठीक रहता। लेकिन मनमानी का आलम यह है कि बसों की छत पर भी जमकर सामान लादा जाता है। इससे अक्सर एक्सीडेंट की संभावना बनी रहती है।

मालवाहकों पर नहीं चलता पुलिस का जोर

सामान ढोने वाले वाहनों पर ओवरलोडिंग का सिलसिला जारी है। कम खर्च में अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में पिअकप, ढाला टेंपो, डीसीएम सहित अन्य वाहनों में ड्राइवर जमकर सामान लाद लेते हैं। शहर के विभिन्न इलाकों से गुजरते हुए जब वह अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। इस दौरान तेज रफ्तार होने पर उनके पलटने की संभावना बनी रहती है। ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं जब ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों से एक्सीडेंट हो चुके हैं।

क्या होती है प्रॉब्लम

किसी वाहन में पैंसेजर के वजन का 15 प्रतिशत भार ही ढोया जा सकता है।

अतिरिक्त सामान लादने से वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बनी रहती है।

सामान के चक्कर के जगह-जगह ड्राइवर ब्रेक लेकर गाड़ी रोक देते हैं।

सामान लादने के बाद तेज रफ्तार में चलने पर वाहन अक्सर अनियंत्रित हो जाते हैं।

टेंपो में बीच वाली सीट पर सवारी बैठाने से पीछे बैठने वाले लोग भी परेशान होते हैं।

अधिक कमाने के चक्कर में ड्राइवर अपने अगल-बगल की सीट पर भी दो सवारियों को बैठा लेते हैं।

ज्यादा सवारी होने से मामूली गड्ढे या मोड़ पर भी टेंपो के पलट जाने की घटनाएं सामने आती हैं ।

पहले पूछे डीएल है तब उधार दें वाहन

ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना बढ़ने के बाद से ट्रैफिक पुलिस ने जागरूकता अभियान शुरू किया है। सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाकर पुलिस टीम लोगों से ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील कर रही है। एसपी ट्रैफिक की तरफ से सोशल मीडिया पर मैसेज दिया जा रहा है कि किसी परिचित को वाहन देने के पहले देख लें कि उनके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस है या नहीं। अक्सर जरूरत पड़ने पर लोग अपना वाहन किसी अन्य को चलाने के लिए दे देते हैं। चेकिंग के दौरान डीएल के अभाव में चालान कट जा रहा है।

ओवरलोडिंग के खिलाफ कई बार अभियान चलाया जा चुका है। टेंपो में बीच की सीट निकलवाई गई थी। हो सकता है कि कुछ ड्राइवर्स ने बीच वाली सीट लगा ली हो। जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैफिक