नंबर गेम

80 वार्ड हैं कुल शहर में

1900 सफाईकर्मी परमानेंट

1300 सफाईकर्मी संविदा पर

1000 आउटसोर्सिग पर सफाईकर्मी

5000 डस्टबिन लगाए गए थे शहर में

1000 से भी कम डस्टबिन बचे हैं आज

-शहर के ज्यादातर एरिया और वार्डो में गायब है डस्टबिन

-कुछ ही एरियाज तक सिमट कर रह गई है सफाई व्यवस्था

PRAYAGRAJ: कुंभ मेले में स्वच्छता का रिकॉर्ड बना चुका शहर गंदगी से बदहाल है। सड़क पर, गलियों में और जगह-जगह कचरे का ढेर पड़ा रहता है। कुंभ के दौरान रखे गए डस्टबिन आज की तारीख में कहीं नजर नहीं आते। नगर निगम भी पर्याप्त रूप से डस्टबिन का इंतजाम नहीं कर रहा है। नतीजा, कचरे से शहर में गंदगी तो फैल ही रही है, शहर की इमेज का भी खूब कचरा हो रहा है।

कहीं टूटे तो कहीं गायब हैं डस्टबिन

कुंभ के दौरान शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए 80 वार्डो में पांच हजार से अधिक डस्टबिन लगाए गए थे। आज हालत यह है कि 80 फीसदी तक डस्टबिन गायब हो चुके हैं। जहां यह लगे भी हैं, वहां टूटी-फूटी हालत में हैं।

यहां सड़क पर बिखरा रहता है कूड़ा

सिविल लाइंस के कुछ एरियाज को छोड़ दिया जाए तो करीब-करीब पूरे शहर में ही सड़क पर कूड़ा बिखरा दिख जाएगा।

यह हैं सबसे गंदे इलाके

सफाई व्यवस्था यूं तो पूरे शहर में ही फ्लॉप है। लेकिन पुराने शहर का हाल सबसे ज्यादा बदहाल है। सरायगढ़ी, चौक, करेली, हटिया के साथ ही राजापुर, कालिंदीपुरम, राजरूपपुर के मोहल्ले सबसे गंदे एरियाज में शुमार हैं।

यह लोकेलिटी है बेहतर

नए शहर यानी निरंजन पुल के पार के एरिया में सफाई व्यवस्था पर नगर निगम अधिकारियों का पूरा फोकस रहता है। सिविल लाइंस एरिया, अशोक नगर, मम्फोर्डगंज, स्ट्रेची रोड, मेडिकल चौराहा, जार्ज टाउन आदि एरिया में सफाई सबसे ज्यादा रहती है।

वर्जन

समय-समय पर डस्टबिन की व्यवस्था की जाती है। कुंभ के दौरान ही बड़े पैमाने पर डस्टबिन लगवाए गए थे। इस मामले में पब्लिक को भी अलर्ट रहना चाहिए। कई जगहों पर देखने में आया है कि कूड़ेदान होने के बावजूद सड़क पर कूड़ा फेंक दिया जाता है।

-उत्तम कुमार वर्मा,

पर्यावरण अभियंता, नगर निगम प्रयागराज