मजबूत है संगठनात्मक ढांचा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, दलाई लामा का कहना है कि हमारे पास लगभग पांच सदी तक दलाई लामा रहें. इसके साथ ही 14वें दलाई लामा के रूप में वह स्वंय ही काफी लोकप्रिय रहे. इस परंपरा को लोकप्रिय दलाईलामा के साथ ही खत्म कर देना चाहिये. उनका मानना है कि अगर कोई कमजोर व्यक्ति दलाई लामा बन जायेगा, तो आध्यात्मिक गुरु की प्रतिष्ठा धूमिल होगी. उन्होंने कहा कि तिब्बत में बौद्ध धर्म किसी एक व्यक्ति पर निर्भर नहीं है. हमारे पास बहुत अच्छा संगठनात्मक ढ़ांचा है. इसके अलावा हमारे पास कुशल और प्रशिक्षित भिक्षु एवं विद्वान हैं.

दलाई लामा का उद्देश्य पूरा
आपको बता दें कि दलाई लामा ने यह पहली बार ही नहीं कहा है, इससे पहले भी वह इस तरह का जिक्र कर चुके हैं. दलाई लामा पहले भी कहते रहे हैं कि दलाई लामा का उद्देश्य पूरा हो चुका है और अब तिब्बत पर 1951 से चीन का नियंत्रण है. 1959 में चीन के खिलाफ हुये विफल तिब्बती आंदोलन के बाद दलाई लामा निर्वासित जीवन गुजार रहे हैं. उन्होंने 2011 में राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लिया और पीएम के कर्तव्यों में इजाफा कर दिया. हालांकि इसके बावजूद भी वह तिब्बत के निवासियों और वहां से निर्वासित तिब्बतियों के सबसे ताकतवर प्रतिनिधि हैं.   

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