- कहीं से भी नहीं मिली किसी अव्यवस्था की सूचना

- पहली बार किसी भी सेंटर्स से नहीं पकड़े गए मुन्नाभाई

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी की ओर से संडे को ज्वांइट एंट्रेंस एग्जाम बीएड-2016 का आयोजन किया गया। बीएड एंट्रेंस एग्जाम में पहली बार ऐसा हुआ कि पूरे प्रदेश में कहीं से भी मुन्ना भाई के पकड़े जाने या किसी दूसरे प्रकार की गड़बड़ी की सूचना प्राप्त नहीं हुई। बीएड-2016 के स्टेट कोऑर्डिनेटर प्रो। वाइके शर्मा ने बताया कि सभी सेंटर्स पर परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। प्रदेश के सभी 593 सेंटर्स पर किसी भी तरह की अव्यवस्था की शिकायत नहीं है। हालांकि पिछले साल भी एलयू ने ही परीक्षा कराई थी, तब तीन नकलची पकड़े गए थे। वहीं साल 2010 में जब एलयू ने बीएड एंट्रेंस कराया था तो पूरा पर्चा ही आउट हो गया था।

राजधानी में शामिल हुए 24,337 कैंडीडेट्स

वहीं, राजधानी में बीएड एंट्रेंस एग्जाम शुक्रवार को 56 सेंटर्स पर आयोजित किया गया। इस एग्जाम में 28,107 कैंडीडेट्स को शामिल होना था। दोनो पालियों में कुल 24,337 कैंडीडेट्स ने परीक्षा दी। 3,770 कैंडीडेट्स परीक्षा से अनुपस्थित रहे। वहीं यूपी के 15 जिलों में 593 सेंटर्स पर कुल 3,03,032 कैंडीडेट्स को यह परीक्षा देना था। इसमें से 13.2 प्रतिशत कैंडीडेट्स ने परीक्षा छोड़ दी। कुल 2,47,502 कैंडीडेट्स परीक्षा से अनुपस्थित हुए। यह परीक्षा दो पालियों में सुबह 8 से 11 बजे और दूसरी पाली की परीक्षा 1 से 4 बजे के बीच आयोजित हुई।

लैंग्वेज के पेपर ने कैंडीडेट्स को किया परेशान

बीएड एंट्रेंस एग्जाम में पहली पाली में जनरल नॉलेज और लैंग्वेज हुआ, जबकि दूसरी पाली में हिंदी और इंग्लिश का पेपर हुआ। जिसमें से कैंडीडेट्स को कोई एक पेपर देना था। पेपर देकर निकले ज्यादातर कैंडीडेट्स को लैंग्वेज का पेपर मुश्किल लगा। जबकि जीएस सामान्य को कैंडीडेट्स ने आसान बताया। वहीं सेकेंड पेपर में रीजनिंग और सब्जेक्टिव पेपर था। कैंडीडेट्स की मानें तो इसमे रीजनिंग का सेक्शन काफी मुश्किल रहा। इसमें कोडिंग-डीकोडिंग, डायरेक्शन, नंबर्स के सवाल मुश्किल रहे। हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस साल का पेपर आसान रहा।

पहले पेपर में हिंदी में ग्रामर और अलंकार काफी मुश्किल आए थे। लेकिन वहीं जीएस और दूसरे पार्ट काफी आसान रहे।

- प्रीति सिंह

सेकेंड पेपर में रीजनिंग के सवालों ने थोड़ा परेशान किया। मैथ्स और करंट अफेयर के सवाल भी कठिन पूछे गए थे।

- सूरज

फ‌र्स्ट पेपर में पिछले साल जीके का सेक्शन मुश्किल था। जबकि इस बार उम्मीद के मुताबिक काफी आसान आया।

- पूर्णिमा सिंह

सब्जेक्टिव सेक्शन आसान थे। इस बार सवाल बिल्कुल सीधे पूछे गए थे जिसे करने में ज्यादा मुश्किल नहीं हुई।

- शिखा पांडेय