स्टॉकहोम (पीटीआई)। स्वीडिश अकादमी ने सोमवार को अमेरिका में रहने वाले भारतीय अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी और दो अन्य लोगों को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया है। उनके साथ एस्थर डुफलो और माइकल क्रेमर को भी अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया है। बता दें कि तीनों अर्थशास्त्रियों को यह पुरस्कार दुनिया में गरीबी खत्म करने के प्रयोग को लेकर किए गए शोध के लिए दिया गया है। अभिजीत इस वक्त मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में इकनॉमिक्स के प्रफेसर हैं। इसके अलावा वह अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी ऐक्शन लैब के को-फाउंडर भी हैं।

मुंबई में हुआ था बनर्जी का जन्म
बनर्जी का जन्म 1961 में मुंबई में हुआ था। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है। उन्होंने कलकत्ता यूनिवर्सिटी और दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में भी पढाई की है। उन्होंने अपनी फ्रांसीसी-अमेरिकी पत्नी डुफलो के साथ मिलकर 2003 में अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब की स्थापना की थी। वहीं, 1972 में जन्मीं डुफलो आर्थिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली दूसरी और सबसे कम उम्र की महिला हैं। नोबेल कमिटी ने अपने बयान में कहा, 'तीनों अर्थशास्त्रियों ने इस साल जो शोध किए हैं, उससे दुनिया में गरीबी से लड़ने की क्षमता में काफी सुधार हुआ है। केवल दो दशकों में, उनके नए प्रयोगात्मक शोध ने अर्थशास्त्र को पूरी तरह से बदल दिया है। उन्होंने कहा कि उनके अध्ययन से पांच मिलियन से अधिक भारतीय बच्चों को स्कूल में प्रभावी कार्यक्रमों से लाभ हुआ है। उनके शोध से शिक्षा के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी काफी फायदा हुआ है।

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