हाल ही में केंद्र सरकार के एक मंत्री ने कहा था कि सरकार स्नूपगेट मामले में रिटायर्ट जज के अधीन जांच आयोग का गठन कर रहा है और 16 मई से पहले  जज के नाम की घोषणा होगी.

इस बयान की कड़ी आलोचना हुई थी और सरकार में शामिल कई दलों ने इसे ग़लत बताया था.

जिस महिला की जासूसी की गई थी उसने सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दायर करके कहा था कि इस मामले की जाँच न की जाए क्योंकि इससे उनकी निजता का उल्लंघन हो सकता है.

स्नूपगेट मामला गुज़रात का है जहां मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप है कि उन्होंने कथित रुप से सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए एक महिला की जासूसी करवाई.

मामला

पिछले वर्ष दो न्यूज़ पोर्टलों ने एक आडियो सीडी जारी की थी जिसमें एक पुलिस अधिकारी से नरेंद्र मोदी के सहयोगी अमित शाह की कथित बातचीत सुनाई देती है, हालांकि इस बातचीत में कहीं भी मोदी का नाम नहीं आता है लेकिन पोर्टल के अनुसार बातचीत में ‘साहेब’ का संबोधन मोदी के लिए ही आया है.

महिला की जासूसी की जाँच का प्रस्ताव नहीं : सरकार

इन न्यूज़ पोर्टलों का दावा था कि महिला की जासूसी नरेंद्र मोदी के कहने पर ही करवाई गई थी. केंद्र सरकार ने यह मामला उजागर होने के बाद इसकी जांच की बात कही थी.

इससे पहले इस मामले में गुजरात सरकार ने ही एक जांच आयोग का गठन किया था. केंद्र सरकार ने अब तक किसी जांच आयोग का गठन नहीं किया है लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी बार-बार अपने भाषणों में स्नूपगेट का हवाला देते रहे हैं और मोदी की आलोचना करते रहे हैं.

इस बीच 16 मई से पहले आयोग के जज के नाम की घोषणा को लेकर यह विवाद और गहरा गया था.

International News inextlive from World News Desk