3 लाख से बढ़कर 6 लाख
केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने इसका एलान किया। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड (सीबीटी) की बुधवार को बंडारू की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। अभी ईडीएलआई के तहत अधिकतम 3 लाख 60 हजार रुपये का बीमा कवरेज मिलता है। सरकार की ओर से ईडीएलआई स्कीम में संशोधन की अधिसूचना जारी होने के बाद बढ़ा हुआ कवरेज मिलने लगेगा। बैठक के बाद बंडारू ने संवाददाताओं को बताया कि सीबीटी ने कर्मचारियों को ईडीएलआई के तहत दावे का लाभ हासिल करने के लिए पूर्व में लगाई गई शर्त भी हटा ली गई है।

क्या-क्या हुए बदलाव

फिलहाल बीमा लाभ पाने के लिए मौजूदा नियोक्ता के पास 12 महीने से लगातार नौकरी करने की शर्त है। बैठक में कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में काम करने वाले सभी कामगारों को भी ईपीएफ स्कीम में शामिल करने और उन्हें यूनिवर्सल अकाउंट नंबर यानी यूएएन प्रदान करने पर भी विचार किया गया। ईडीएलआई स्कीम के तहत किसी ईपीएफ सदस्य कर्मचारी की एक साल की लगातार नौकरी के बाद मृत्यु होने की स्थिति में उसके परिवार के नामित सदस्य को बोनस के अलावा सालाना औसत वेतन (अधिकतम सीमा 15,000 रुपये) के बीस गुना के बराबर राशि बीमा के रूप में प्राप्त होती है। अब इसमें बदलाव कर दिया गया है।

15,723 करोड़ रुपये का कोष

ईपीएफओ के पास फिलहाल (31 मार्च 2015 तक) कुल 15,723 करोड़ रुपये का कोष है। इसके ईडीएलआई कोष में हर साल 936.12 करोड़ रुपये की राशि सदस्यों से प्राप्त होती है। ईडीएलआई स्कीम के तहत हर महीने कर्मचारियों के मूल वेतन का 0.5 फीसद योगदान बीमा प्रीमियम के रूप में करना होता है।

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