-सात महीने बाद 19 अक्टूबर से दो शिफ्ट में चलेंगे स्कूल

-पैरेंट्स की सहमति पर ही बच्चों को स्कूल वाहन की सुविधा

स्कूल्स में स्वच्छता व सुरक्षा के प्रोटोकॉल के संग 19 अक्टूबर से क्लासेस चलेंगी। फिलहाल क्लास नौ से 12 तक के स्कूल्स को दो शिफ्ट में खोलने की अनुमति मिली है। शासन की हरी झंडी मिलने के बाद विद्यालय प्रबंधन पैरेंट्स से सहमति पत्र लेने में जुट गया है ताकि पठन-पाठन को गति दिया जा सके। वहीं जो बच्चे स्कूली वाहन से आने-जाने के इच्छुक हैं। उन बच्चों के पैरेंट्स से परिवहन सुविधा के लिए भी सहमति पत्र मांगा जा रहा है। पैरेंट्स की सहमति पर ही बच्चों को स्कूल वाहन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इससे रिलेटेड गाइडलाइन बुधवार को डीएम कौशलराज की ओर से जारी किया गया।

परमिशन को स्कूल्स से मांगा लेटर

डीएम की ओर से जारी गाइडलाइन में फ‌र्स्ट शिफ्ट में कक्षा नौ व दस तथा सेकेंड शिफ्ट में कक्षा 11 से 12 तक के बच्चों को स्कूल बुलाकर पढ़ाने की अनुमति दी है। प्रत्येक कक्षा में अधिकतम 50 परसेंट स्टूडेंट ही स्कूल बुलाए जाएंगे। 50 परसेंट स्टूडेंट अगले दिन स्कूल पढ़ने आएंगे। ऐसे में पहले की तरह आनलाइन क्लास भी जारी रहेगी। बहरहाल गाइडलाइन जारी होते ही स्कूल खोलने को लेकर ऊहापोह की स्थिति अब खत्म हो गई है। कोरोना संक्रमण के चलते सभी स्कूल-कालेज 18 मार्च से ही बंद चल रहे थे। इसे देखते हुए स्कूलों ने आनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी थी। ऐसे में करीब सात महीने बाद 19 अक्टूबर से स्कूल खुल जाएंगे। वहीं कोविड-19 के पूरे प्रोटोकाल के संग पढ़ाई शुरू कराने के लिए स्कूल प्रबंधन से डिटेल मांगा गया है।

पैरेंट्स को पहुंच रहा मेसेज

स्कूल प्रबंधन फोन के माध्यम से पैरेंट्स से भी संपर्क किया जा रहा है। उन्हें बुलाकर विद्यालयों में स्वच्छता व सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाएं भी दिखाई जा रही हैं, ताकि वह बच्चों को स्कूल भेजने से पहले स्वयं संस्तुष्ट हो सकें। हालांकि यूपी बोर्ड के संचालित स्कूल में 40 परसेंट पैरेंट्स ही अभी स्कूल भेजने के इच्छुक हैं। संभावना जताई जा रही है कि पढ़ाई शुरू होते ही बच्चों को स्कूल भेजने वाले पैरेंट्स संख्या और बढ़ेगी।

बच्चों के बीच में होगा गैप

पठन-पाठन शुरू करने के आदेश के बाद स्कूल बस, फर्नीचर, उपकरण, पानी की टंकियां, कैंटिन, शौचालय, लैब, लाइब्रेरी भी डेली सेनेटाइजेशन कराया जाएगा। वहीं टीचर्स, स्टूडेंट्स व कर्मचारी के लिए सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। शारीरिक दूरी के अनुसार स्टूडेंट्स को छह फीट की दूरी पर बैठाने का इंतजाम किया जा रहा है। सीटिंग प्लान के तहत कई स्कूल वन चाइल्ड वन बेंच के सिद्धांत पर बच्चों को बैठाने के लिए विचार कर रहे हैं।

इनका रखें ध्यान

-स्कूल में एंट्री प्वाइंट को अलग-अलग द्वार से करने का निर्देश।

-यदि कक्षा का आकार छोटा हो तो कंप्यूटर कक्ष, पुस्तकालय व प्रयोगशाला में भी कक्षाएं संचालित करने की छूट।

-विद्यालयों में शारीरिक दूरी सहित अन्य मानकों का पोस्टर

-योजनाबद्ध तरीके से लचीला समय सारिणी, सप्ताह में दो दिन घर से असाइनमेंट ताकि बच्चों को हर दिन स्कूल आने की आवश्कता न पड़े।

-छात्रों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए स्कूल में या संपर्क में पूर्णकालिक प्रशिक्षित डाक्टर, नर्स व काउंसलर की अनिवार्यता। ताकि छात्रों व शिक्षकों की नियमित हो सके स्वास्थ्य का परीक्षण।

-बच्चों को उपस्थिति के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। बीमार होने पर छात्रों व कर्मचारियों को घर पर रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

-खेल-कूद व संगीत नृत्य सहित अन्य का प्रदर्शन शारीरिक दूरी के मानक का करना होगा पालन।

-अभिभावकों का भी मार्गदर्शन, वर्चुअल अभिभावक व शिक्षक मीटिंग।

-भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए वार्तालाप से कार्यकलाप की शुरूआत, अलग-अलग इंडोर गेम, छात्रों को सुरक्षित महसूस करना, सहयोगात्क कार्यो में व्यस्त रखना।

-परिवर्तन को स्वीकार करना, मननशील गतिविधियों का आयोजन, कहानियां, तीन मिनट मौन।