- डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल को मिली नॉट स्ट्रेस टेस्ट मशीन

-मां के गर्भ में शिशु की सुनी जा सकेंगी धड़कनें, मूवमेंट पर भी रखी जा सकेगी नजर

-पहले गर्भ में बच्चा मरने पर नहीं चल पता था पता, अब डॉक्टरों को मिलेगी सही रिपोर्ट

बरेली : अब प्रेग्नेंट लेडीज को टेंशन लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनके गर्भ में पल रहे शिशु की बेहतर देखभाल के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एनएसटी यानि नॉट स्ट्रेस टेस्ट मशीन आ गई है जिसकी सुविधा पेशेंट्स को नेक्स्ट वीक से मिलने लगेगी। इस मशीन के जरिए मां के गर्भ में ही शिशु की धड़कनें सुनी जा सकेंगी। साथ ही बच्चे की हर एक्टीविटी पर भी नजर रखी जा सकेगी। इससे डॉक्टर्स मां और बेबी का बेहतर ट्रीटमेंट कर सकेंगे।

ऐसे वर्क करेगा एनएसटी

एनएसटी में डिफरेंट टाइप्स की बेल्ट लगी होती हैं जो प्रेग्नेंट लेडी के पेट में लगा दी जाती है। इसके बाद डॉक्टर्स बच्चे की धड़कन सुनते हैं कि वह ठीक से चल रही है या नहीं। वहीं बच्चे की एक्टिविटी ठीक है या नहीं, इसका भी पता लगाया जाता है। इस मशीन की रिपोर्ट का एक्यूरेट माना जाता है जिससे पेशेंट के मन का भ्रम भी मिट जाता है।

6 मंथ पहले मांगी थी मशीन

डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल प्रबंधन की ओर से 6 माह पहले शासन को एनएसटी मशीन की मांग की गई थी। पिछले माह ही शासन से इस प्रस्ताव को मंजूरी देकर बजट जारी किया जिसके बाद प्रबंधन ने वेडनसडे को मशीन मंगा ली है।

ये हो रही थी प्रॉब्लम

पहले एनएसटी की सुविधा न होने से डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल में आने वाली प्रेग्नेंट महिलाओं की जांच सामान्य डॉपलर के माध्यम से की जा रही थी। जिससे कई बार बच्चे की धड़कन और एक्टिविटी का सही अंदाजा नहीं लग पाता था, लेकिन अब इस समस्या से पूरी तरह से निदान मिल जाएगा।

डेली होती हैं 15 से 20 डिलीवरी

डिपार्टमेंट से प्राप्त डाटा की माने तो फीमेल हॉस्पिटल में डेली 15 से 20 डिलीवरी नार्मल होती है। वहीं 4 से 5 सिजेरियन होते हैं। अब मशीन की मदद से रिपोर्ट के आधार पर काफी हद तक मरीज ऑपरेशन के झाम से भी बच सकेगा।

लेबर रूम में लगेगी मशीन

सीएमएस डॉ। अलका शर्मा ने बताया कि मशीन को लेबर रूम में लगाया जाएगा। इसकी टेबल तैयार कराई जा रही एक सप्ताह के अंतराल में मरीजों को इस मशीन की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

एनएसटी मशीन मंगा ली गई है। अब मरीजों का टेस्ट और भी बेहतर तरीके से हो सकेगा। वहीं एक्यूरेट रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर भी ठीक प्रकार से मरीज को इलाज दे पाएंगे। अगले सप्ताह से मशीन से टेस्ट करने शुरु हो जाएंगे।

डॉ। अलका शर्मा, सीएमएस।