कानपुर। भारतीय क्रिकेट टीम का टेस्ट इतिहास सालों पुराना है। भारत ने पहला टेस्ट मैच 1932 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था जिसमें टीम इंडिया को बुरी तरह से हार मिली थी। इसके बाद साल दर साल टीम इंडिया टेस्ट सफर बढ़ता गया मगर विदेश में पहली जीत हासिल करने में भारत को तीन दशक से ज्यादा का वक्त लग गया। क्रिकइन्फो पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, भारत ने घर के बाहर पहला टेस्ट न्यूजीलैंड में 1968 में जीता था। ये मैच 20 फरवरी को खत्म हुआ था। आज इस ऐतिहासिक क्षण को 51 साल हो गए। आइए जानें उस मैच का हाल..

नवाब पटौदी थे भारत के कप्तान

भारत को विदेश में पहली टेस्ट जीत दिलाने वाले कप्तान नवाब पटौदी थे। साल 1968 में पटौदी की कप्तानी में टीम इंडिया चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने न्यूजीलैंड गई थी। सीरीज का पहला टेस्ट डुनेडिन में 15 से 20 फरवरी के बीच खेला गया। दोनों टीमें मैदान में खेलने उतरीं, टाॅस कीवी कप्तान के पक्ष में रहा और न्यूजीलैंड ने पहले बैटिंग करने का निर्णय लिया। उस वक्त भारतीय टीम में रमन देसाई, बिशन सिंह बेदी, ई प्रसन्ना जैसे दिग्गज गेंदबाज थे मगर वे कीवियों को सस्ते में समेटने में नाकाम रहे। हालांकि एक वक्त लग रहा था न्यूजीलैंड टीम जल्दी आउट हो जाएगी मगर न्यूजीलैंड के ओपनर बल्लेबाज डाउलिंग ने 143 रन बनाकर भारतीय गेंदबाजों के सपनों पर पानी फेर दिया। कीवी टीम ने पहली पारी में 350 रन बनाए।

आज ही के दिन भारत ने घर के बाहर पहली बार जीता था कोई टेस्ट मैच

भारत ने अंत तक किया संघर्ष

अब बैटिंग करने की बारी भारत की थी। भारतीय ओपनर आबिद अली और फारुख इंजीनियर ओपनिंग करने मैदान में उतरे। अभी टीम का कुल स्कोर 39 रन ही हुआ था कि अली 21 रन बनाकर आउट हो गए। हालांकि इंजीनियर एक छोर पर डटे रहे, आउट होने से पहले फारुख ने 63 रन की उपयोगी पारी खेली। इसके बाद अजीत वाडेकर क्रीज पर बैटिंग करने आए और वह भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बने। भारत के बाकी खिलाड़ी आते गए और जाते गए मगर, वाडेकर क्रीज पर डटे रहे। अजीत ने इस मैच में 80 रन की पारी खेली। बाद में निचले क्रम के भारतीय बल्लेबाजों की बदौलत टीम इंडिया ने 350 का स्कोर पार किया और 359 रन पर ऑलआउट हो गए।

दूसरी पारी में प्रसन्ना की स्पिन में नाचे कीवी

न्यूजीलैंड के लिए दूसरी पारी में बैटिंग करना आसान नहीं था क्योंकि भारतीय स्पिन गेंदबाज ई प्रसन्ना ने कीवियों को अपनी फिरकी में खूब नचाया। चार कीवी बल्लेबाज तो दहाई का अंक भी नहीं छू सके और पूरी न्यूजीलैंड टीम 208 रन पर सिमट गई। कीवियों की तरफ से सेकेंड इनिंग में सबसे ज्यादा 54 रन ओपनर बल्लेबाज मुरे ने बनाए। इस पारी में ई प्रसन्ना ने 94 रन देकर 6 विकेट चटकाए।

भारत ने जीतकर रचा इतिहास

आखिरी पारी में भारत को जीत के लिए 200 रन का लक्ष्य मिला। इस बार भी टीम इंडिया की नैय्या अजीत वाडेकर ने पार लगाई। बाएं हाथ के बल्लेबाज वाडेकर ने 71 रन की पारी खेली। वहीं रुसी सूर्ति ने भी उपयोगी 44 रन बनाए जिसकी बदौलत भारत ने पांच विकेट खोकर यह लक्ष्य हासिल कर लिया। इसी के साथ भारत का विदेशी धरती पर टेस्ट जीत का खाता खुल गया। बता दें भारत ने इस दौरे पर सिर्फ टेस्ट मैच ही नहीं सीरीज भी अपने नाम की और नवाब पटौदी न्यूजीलैंड की धरती पर कोई टेस्ट सीरीज जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गए।

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